LEO में भारत ने 300 किमी की दूरी पर सैटलाइट को मार गिरायाः पीएम मोदी

LEO में भारत ने 300 किमी की दूरी पर सैटलाइट को मार गिरायाः पीएम मोदीनईदिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019) कुछ ही समय पहले भारत ने अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति यानि स्पेस पावर के रूप में दर्ज करा दिया है. अब तक दुनिया के केवल तीन देशों को यह उपलब्धि हासिल थी. अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा देश है जिसने यह सिद्धि हासिल की है. सारे देशवासियों के लिए गर्व की बात है. कुछ ही समय पहले हमारे वैज्ञानिकों ने एलईओ यानि लो अर्थ ओर्बिट में एक लाइव सेटलाइट को मार गिराया गया है. सिर्फ तीन मिनट में सफलता पूर्वक यह ऑपरेशन किया गया है. मिशन शक्ति यह अत्यंत कठिन ऑपरेशन था. इसमें तकनीकी क्षमता की आवश्यकता थी. वैज्ञानिकों द्वारा सभी उद्देश्य प्राप्त कर लिए गए. 

यह पराक्रम भारत में ही विकसित एंटी सेटलाइट द्वारा मार गिराया गया. मैं सभी डीआरडीओ वैज्ञानिकों को और अन्य सहयोगियों को बधाई देता हूं. अंतरिक्ष आज हमारे जीवनशैली का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. आज हमारे पास पर्याप्त संख्या में उपग्रह उपलब्ध है. जो अलग अलग क्षेत्रों में अहम योगदान दे रहे हैं.  

पीएम मोदी ने कहा कि एंटी सेटलाइट मिसाइल द्वारा तीन मिनट में मार गिराया गया. मिशन शक्ति अत्‍यंत कठिन ऑपरेशन था. पीएम ने साफ किया कि भारत हमेशा अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ के खिलाफ रहा है. उन्‍होंने कहा कि भारत ने मिशन शक्ति को तीन मिनट में पूरा किया. एंटी सैटेलाइट ए सेट मिसाइल भारत की विकास यात्रा की दृष्टि से देश को नई दिशा देगा. यह किसी देश के विरुद्ध नहीं था. यह किसी भी अंतरराष्‍ट्रीय कानून या संधि समझौतों का उल्‍लंघन नहीं करता है. हम आधुनिक तकनीक का उपयोग देश के 130 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा के लिए किया है. एक मजबूत भारत का होना बेहद जरूरी है. हमारा मकसद युद्ध का माहौल बनाना नहीं है. 

उन्‍होंने कहा कि हमारा उद्देश्‍य शांति बनाए रखना है. हम निसंदेह एकजुट होकर एक शक्तिशाली और सुरक्षित भारत का निर्माण करेंगे. मैं ऐसे भारत की परिकल्‍पना करता हूं जो अपने समय से दो कदम आगे की सोच सके और चलने की हिम्‍मत भी जुटा सके. सभी देशवासियों को आज की इस महान उपलब्धि के बहुत बधाई. इस पराक्रम को करने वाले मेरे साथियों को बहुत धन्‍यवाद.

बता दें कि लो अर्थ ऑर्बिट या पृथ्वी की निचली कक्षा (Leo) 160 किलोमीटर (99 मील) (कक्षीय अवधि 88 मिनट), और 2,000 किलोमीटर (1,200 मील) के बीच ऊंचाई पर स्थित पृथ्वी के चारों ओर एक कक्षा (ऑर्बिट) है. लगभग 160 किलोमीटर (99 मील) या उससे नीचे वस्तुएं बहुत तेजी से कक्षीय क्षय (ऑर्बिटल डीकेय) और ऊंचाई नुकसान (एल्टीट्यूड लॉस) का अनुभव करती हैं.

Bureau Report

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