नईदिल्ली: आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की बेंच दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई करेगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आम्रपाली के सीएमडी और दो निदेशकों को गिरफ्तार करने निर्देश दिया था.इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने फॉरेंसिक एडिटर्स को सहयोग न करने पर करीब 200 कंपनी के लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने सीएमडी अनिल शर्मा की व्यक्तिगत प्रॉपर्टी के साथ-साथ दक्षिण दिल्ली स्थित बंगला जब्त करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि फोरेंसिक ऑडिटर 22 मार्च तक छानबीन खत्म करें. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को ये भी आदेश दिया था कि वो अम्रपाली ग्रुप के खिलाफ लोगों से पैसा लेकर घर ना देने के झूठे वादे और धोखाधड़ी मामले की जांच करें.
कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को जारी किया था नोटिस
कोर्ट ने डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल को ये संपत्ति बेचने के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने आम्रपाली के सीएमडी और निदेशकों को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों ना उनके खिलाफ आपराधिक केस शुरू किए जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से जुड़े लोगों को कहा था कि होम बायर्स के पैसे जो भी मिले हैं वो सुप्रीम कोर्ट के खाते में सोमवार तक जमा कर दें. कोर्ट ने कहा कि जो यह नहीं करेगा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 2015 से 2018 तक के बीच के कागजात सोमवार तक फोरेंसिक ऑडिटर्स को दिए जाए.
NBCC से भी कोर्ट ने पूछे थे सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने NBCC से भी पूछा था कि किस तरह आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट कैसे पूरे होंगे. दरअसल, आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा की और से माना गया था कि होम बॉयर्स के 2900 करोड़ रुपये दूसरी कंपनियों व अफसरों को बतौर गिफ्ट व अन्य तरीके से दिए गए.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि तीनों निदेशक पुलिस निगरानी मे रहकर अपने ग्रुप की 46 कंपनियों के दस्तावेज़ों का केटलाग तैयार करके फ़ारेंसिक आडिटर्स को सौंपेंगे.कोर्ट ने कहा था कि तीनों निदेशक रोज़ सुबह 8 से शाम 6 बजे तक दस्तावेज़ों का केटलाग बनवाएंगे. इसके बाद पुलिस निगरानी मे नोएडा के सेक्टर-62 स्थित होटल में रहेंगे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तीनों निदेशकों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था.तीनों निदेशकों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार फॉरेंसिक ऑडिट के लिए अपने प्रोजेक्टों से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध न कराने का आरोप है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के निदेशकों समेत कुछ अन्य अधिकारियों को कोर्ट की अवमानना का नोटिस भी भेजा था.
तीन दिनों तक नोएडा व दिल्ली पुलिस की हिरासत में रहने के दौरान फॉरेंसिक ऑडिट संबंधी सभी दस्तावेज एकत्र नहीं हो सके थे. पुलिस ने तीनों निदेशकों को कोर्ट में पेश कर संबंधित दस्तावेज एकत्र करने के लिए और समय मांगा था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने तीनों निदेशकों को फिर से 15 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. आम्रपाली समूह को फॉरेंसिक ऑडिट के लिए अपनी 46 कंपनियों के दस्तावेज ऑडिटर को उपलब्ध कराने हैं.
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