नईदिल्ली:इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में शुक्रवार को चेन्नई और मुंबई के बीच हुए मैच में रोहित शर्मा की कप्तानी में मुंबई की जीत से प्वाइंट टेबल में भले ही कोई बहुत फर्क नहीं दिख रहा हो लेकिन इस मैच का नतीजा लंबे समय के लिए प्लेऑफ की जंग के लिए गहरा असर डाल सकता है. इस बड़ी जीत से मुंबई की टीम न केवल दूसरे स्थान पर आने में कामयाब हुई, बल्कि उसने खुद को बहुत मजबूत भी कर लिया. हो सकता है कि मुंबई अगले कुछ दिनों में दूसरे स्थान से उतर जाए, लेकिन बाकी टीमों की किस्मत की चाबी एक अन्य टीम के हाथ में आ गई है.
अभी यह स्थिति है प्वाइंट टेबल की
मुंबई के बाद दिल्ली 14 अंक के साथ तीसरे स्थान पर है और उसका नेट रनरेट +0.181 है जो कि बुरा नहीं है. इसके बाद 10 मैच खेल चुकी हैदराबाद की टीम है जिसके फिलहाल तो 10 अंक हैं, लेकिन वह चार में से केवल तीन जीतों के साथ प्लेऑफ में पहुंच सकती है. पांचवे स्थान पर पंजाब की टीम 11 मैचों में 10 अंक और -0.117 नेट रनरेट के साथ मौजूद है. अंत में कोलकाता छठे, राजस्थान 7वें और बेंगलुरू 8वें स्थान पर हैं. इन तीनों को अपने तीनों ही मैच जीतने के साथ नेट रनरेट मजबूत करने की चुनौती है.
हैदराबाद के पास है इन टीमों की चाबी
अब चेन्नई के अलावा मुंबई का स्थान भी प्लेऑफ के लिए पक्का होता लग रहा है. तो ऐसे में अब प्लेऑफ के लिए तीसरी और चौथी टीम का फैसला होना है. इस मामले में फैसले की एक चाबी हैदराबाद के पास आ गई है. हैदराबाद को अभी चार मैच खेलना है. उसे अब राजस्थान, पंजाब, मुंबई और बेंगलुरू के खिलाफ मैच खेलने हैं. इनमें से वह मुंबई को छोड़ बाकी तीन टीमों को प्लेऑफ की दौड़ से बाहर करने का माद्दा रखती है. राजस्थान और बेंगलुरू उससे केवल हारने पर ही बाहर हो जाएंगी. वहीं पंजाब की मुसीबत बढ़ जाएगी और नेट रनरेट के कारण वह भी बाहर हो सकती है. यहां तक कि अगर मुंबई भी अपने बचे बाकी तीन मैच बुरी तरह से हारे तो वह भी प्लेऑफ से बाहर हो सकती है.
और दिल्ली का खेल बिगाड़ सकती हैं मिलकर ये टीमें
दिल्ली को बेंगलुरू, चेन्नई और राजस्थान से मैच खेलने हैं. दिल्ली के पास बेंगलुरू और राजस्थान दोनों को बाहर करने का मौका है. वहीं चेन्नई के साथ मुकाबला उसे बेहतर रैंकिंग दे सकता है. दिल्ली अगर तीनों मैच हार जाती है तो उसके केवल 14 अंक ही रह जाएंगे और हार से नेट रनरेट कम होने से वह भी प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो सकती है. इसके लिए दिल्ली को तीनों मैच हारना ही होगा और बड़े अंतर से हारना होगा.
और कोलकाता का फैसला किसके हाथ में
कोलकाता को मुंबई से दो मैच खेलने हैं इसके अलावा एक मैच पंजाब के साथ भी खेलना है. जाहिर ऐसे में कोलकाता का फैसला मुंबई के हाथों में जाना तय है. लेकिन फिर भी उसे पंजाब को तो हर हाल में हराना ही होगा. कोलकाता ये तीन मैच जीतकर प्लेऑफ की जंग को नजदीकी मुकाबले में बदल देगी इतना तय है. इसके अलावा मुंबई को वह तीसरे या फिर चौथे स्थान की जंग में ले आएगी
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