टीचर ने दहेज लेने से किया इनकार तो ससुराल वालों ने तोहफे में दीं 1 हजार किताबें

टीचर ने दहेज लेने से किया इनकार तो ससुराल वालों ने तोहफे में दीं 1 हजार किताबेंनईदिल्ली: बात चाहे 21वीं सदी की हो या फिर 19वीं सदी की. भारत में दहेज लेना और देना कानूनी तौर पर अपराध होने के बावजूद यह परंपरा चली आ रही है, लेकिन पश्चिम बंगाल में एक शख्स ने दहेज की परंपरा का अंत करने के लिए अनोखी रस्म अदा की है. 

पश्चिम बंगाल में एक शख्स को ससुराल वालों ने दहेज में एक लाख रुपए की एक हजार किताबें दी हैं. जानकारी के मुताबिक, शख्स का नाम सूर्यकांत बरीक पेशे से शिक्षक हैं. सूर्यकांत ने शादी से पहले अपने सुसराल वालों के सामने दहेज न लेने की शर्त रखी थी, उस वक्त उनकी मांग को मान भी लिया गया था, लेकिन शादी वाले दिन सूर्यकांत के ससुरालवालों ने मंडप पर 1000 किताबें रखकर चौंका दिया. 

किताबों का तोहफा मिला तो…
सूर्यकांत का कहना है कि जब वह शादी के लिए मंडप पर पहुंचे तो किताबों की दुनिया देखकर काफी एक्साइटेड हो गए. सूर्यकांत का कहना है कि उन्हें और उनकी पत्नी को किताबें पढ़ने का काफी शौक है और वह यह तोहफा पाकर काफी खुश हुए हैं. 

वहीं, सूर्यकांत की पत्नी का कहना है कि उनके परिवारवाले दहेज के पहले से ही खिलाफ थे, जब सूर्यकांत ने ऐसी शर्त रखी तो वह सब खुश हो गए. उन्होंने कहा, पति की तरह मैं भी किताबों को पढ़ने की शौकीन हूं, इसलिए घरवालों ने किताबों का तोहफा दिया है. इसमें रबींद्रनाथ टैगोर, बंकिम चंद्र चैटर्जी और शरत चंद्र चटोपाध्याय जैसे देश के नामी बंगाली लेखकों के अलावा हैरी पॉटर जैसी किताबें शामिल हैं. 

सोशल मीडिया पर लोगों ने दिए ऐसे रिएक्शन
बिना दहेज की शादी को लोग सोशल मीडिया पर काफी सरहा रहे हैं. कुछ यूजर्स का कहना है कि किसी भी दंपत्ति को किताबे तोहफे में देना सिर्फ अच्छा विकल्प ही नहीं बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक संदेश भी है. 

Bureau Report

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