नईदिल्ली: मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने यमन में हुती विद्रोहियों द्वारा 10 पत्रकारों को लंबे समय से हिरासत में रखने की बुधवार को निंदा करते हुए कहा कि यह युद्ध प्रभावित देश में मीडिया की स्वतंत्रता की दम तोड़ती स्थिति को दर्शाता है.
संगठन ने कहा कि 2015 की ग्रीष्म रितु से 10 पत्रकारों को हिरासत में रखा गया है और उन पर जासूसी करने के आरोप में मामला चलाया जा रहा है. इनसे बताया कि इन लोगों को प्रताड़ित किया गया और मेडिकल सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गईं.
एमनेस्टी के यमनी शोधकर्ता राशा मोहम्मद ने बताया, ’10 पत्रकारों को गैरकानूनी तरीके से लंबे समय तक हिरासत में रखना और उनके साथ गलत बर्ताव मीडिया के लिए उस बेहद खराब माहौल की याद दिलाता है जिसे पत्रकार यमन में झेल रहे हैं. साथ ही एसे खतरों को भी रेखांकित करता है जिसे सभी पक्षों के बीच संघर्ष में पत्रकार उठा रहे हैं’.
उन्होंने एक बयान में कहा कि हुती विद्रोहियों को उन्हें तत्काल रिहा करना चाहिए और उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को समाप्त करना चाहिए. अभी यी स्पष्ट नहीं है कि पकड़े गए पत्रकारों के मामले की सुनवाई कब शुरू होगी.
Bureau Report
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