नईदिल्ली: बचपन से ही पोलियो की बीमारी के शिकार रहे इस क्रिकेट खिलाड़ी के बारे में किसी ने भी नहीं सोचा था कि वहटीम इंडिया के लिए मैच विनर का खिताब हासिल कर लेगा और विदेश में भारत को पहली जीत हासिल करने का गौरव दिलाएगा. यह खिलाड़ी कोई और नहीं भागवत चंद्रशेखर हैं जो एक जमाने भारत की स्पिन चौकड़ी, चंद्रा, बेदी, प्रसन्ना और वेंकटराघवन के प्रमुख सदस्य थे. इन स्पिनर्स ने दुनिया भर के बल्लेबाजों को परेशान कर भारत का नाम वर्ल्ड क्रिकेट में ऊंचा किया था, लेकिन इसमें चंद्रा का नाम खास ही रहा.
इंग्लैंड के ओवल में किया कमाल
बात 1971 की है जब टीम इंडिया इंग्लैंड के दौरे पर गई थी. तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत के बेतरीन स्पिन अटैक के बाद भी पहले दो टेस्ट ड्रॉ हो गए थे. तीसरा और आखिरी टेस्ट मैच ओवल में हो रहा था. पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड की टीम ने 355 रन बनाए थे जिसमें चंद्रशेखर के दो विकेट थे. इसके जवाब में भारतीय टीम केवल 284 रनों पर आउट हो गई थी. दूसरी पारी में चंद्रा ने शानदार गेंदबाजी की और 18.2 ओवर में 38 रन देकर छह विकेट लिए. इस तरह इंग्लैंड की पारी केवल 101 रन पर सिमट गई जिससे भारत को 173 रन का लक्ष्य मिला और टीम ने यह लक्ष्य छह विकेट खोकर हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की.
ऑस्ट्रेलिया में भी फिर दिखाया अपनी गेंदों का जलवा
चंद्रशेखर ने 1978 में ऑस्ट्रेलिया की धरती पर भारत को पहली टेस्ट जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. यहां पहले दो टेस्ट मैच हारने के बाद टीम इंडिया ने शानदार वापसी की. मेलबर्न में हुए तीसरे टेस्ट में चंद्रा ने बेहतरीन गेंदबाजी कर टीम इंडिया की वापसी कराकर सबको चौंका दिया था. इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 256 रन बनाए थे. यहां चंद्रा ने 14.1 ओवर में 58 रन पर छह विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को केवल 213 रनों पर समेट दिया था. टीम इंडिया ने दूसरी पारी में 343 रन बनाकर मेजबानों को 387 रनों का लक्ष्य दिया था. लेकिन इस बार भी चंद्रा ने 20 ओवर में 52 रन देकर छह विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 164 रन पर सिमट गई जिससे भारत को 222 रनों की ऐतिहासिक जीत मिली.
दूसरे टेस्ट में चंद्रा की गेंदबाजी ने कंगारुओं को रखा बैकफुट पर
इस सीरीज के चौथे टेस्ट में भी ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को चंद्रा ने 15 ओवर में 30 रन देकर चार विकेट लेते हुए 131 रनों पर ही समेट दी. इसके बाद टीम इंडिया के 396 रन के जवाब में एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया की पारी भारतीय स्पिनर्स के लड़खड़ा गई और 263 में सिमटने के बाद उसे एक पारी और दो रन से हार का सामना करना पड़ा. यहां चंद्रा ने 24 ओवर में 85 रन देकर दो विकेट लिए.
शानदार रिकॉर्ड रहा चंद्रशेखर का
चंद्रशेखर ने 58 टेस्ट मैचों की 97 पारियों में 29.74 के औसत और 2.70 की इकोनॉमी से 242 विकेट लिए. इस दौरान उन्होंने 16 बार पांच विकेट और दो बार एक मैच में 10 विकेट लेने की उपलब्धि हासिल की, लेकिन उन्हें विदेशों में भारत को पहली जीत दिलाने के लिए याद किया जाता है. चंद्रा को एक तेज लेग स्पिनर को तौर पर पहचाना जाता था. वे अपने अनोखे बॉलिंग एक्शन के लिए भी जाने जाते थे.
Bureau Report
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