अमरावतीः आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए अपने 25 सदस्यीय मंत्रिमंडल में पांच उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने का शुक्रवार को फैसला किया. नए मंत्रिपरिषद का गठन शनिवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सुबह यहां अपने आवास में वाईएसआर कांग्रेस विधायक दल की बैठक की जिसमें उन्होंने पांच उप मुख्यमंत्री नियुक्त करने के अपने फैसले की घोषणा की.
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और कापू समुदायों से एक-एक उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा. उन्होंने अपने विधायकों को यह भी बताया कि कैबिनेट में मुख्य रूप से कमजोर वर्गों के सदस्य होंगे जबकि अपेक्षा यह की जा रही थी कि रेड्डी समुदाय को मंत्रिमंडल में मुख्य स्थान मिलेगा. रेड्डी ने बताया कि ढाई साल बाद सरकार के प्रदर्शन की समीक्षा के पश्चात फिर से मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जाएगा. इससे पहले एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार में कापू और पिछड़ा समुदायों का एक-एक उप मुख्यमंत्री बनाया गया था. जगन के इस फैसले को एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है जिसका मकसद इन समुदायों को साधे रखना है.
टीआरएस ने तेंलंगाना में कांग्रेस के 12 विधायकों के पार्टी में शामिल होने को सही ठहराया
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने कांग्रेस के 12 विधायकों के तेलंगाना में सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो जाने के कदम को शुक्रवार को यह कहते हुए सही ठहराया कि उन्होंने अपने राजनीतिक भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया है. साथ ही उन्होंने राहुल गांधी की अगुवाई वाली पार्टी को अपने खेमे को साथ नहीं रख पाने के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
विधानसभा के अध्यक्ष पोचाराम श्रीनिवास रेड्डी ने 12 दलबदलुओं को सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य के तौर पर बृहस्पतिवार को मान्यता दी. कांग्रेस को जबर्दस्त झटका देते हुए इन विधायकों ने खुद को टीआरएस में शामिल किए जाने का अनुरोध किया था. टीआरएस के प्रवक्ता आबिद रसूल खान ने दावा किया था कि 12 विधायकों ने मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली पार्टी का हिस्सा बनना तय किया है. साथ ही कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी की सरकार के विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं और मतदाताओं के प्रति “सकारात्मकता” देख उन्होंने यह निर्णय किया.
खान ने पीटीआई-भाषा से कहा, “ तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी की तरफ से धन-बल के प्रयोग, जबर्दस्ती करने या ब्लैकमेल करने के आरोप (इन विधायकों को अपने खेमे में करने के लिए).. महज कांग्रेस पार्टी की कमजोरी को दिखाते हैं जो अपने खुद के विधायकों को रोक कर नहीं रख पाई.” उन्होंने कहा, “ये विधायक स्कूली छात्र नहीं हैं. उन्होंने मीडिया से कहा है कि उन्होंने यह फैसला कार्यक्रमों…कल्याण, सुशासन और टीआरएस के प्रति सकारात्मकता की वजह से लिया है.” खान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस, “न सिर्फ राज्य में बल्कि पूरे देश में नेतृत्वहीन एवं दिशाहीन हो गई है और बिखर रही है.”
Bureau Report
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