जानलेवा हमले में घायल पति को लेकर थाने पहुंची महिला, पुलिस बोली- स्‍कूटी पर ले जाओ अस्‍पताल

जानलेवा हमले में घायल पति को लेकर थाने पहुंची महिला, पुलिस बोली- स्‍कूटी पर ले जाओ अस्‍पतालनागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है. यहां एक महिला के पति पर जानलेवा हमला हुआ था. इसके बाद जब वह उसे अस्‍पताल ले जाने और मदद मांगने के लिए थाने पहुंची तो पुलिस ने उसे स्‍कूटी पर ही पति को अस्‍पताल ले जाने के लिए कह दिया. मामला सामने आने के बाद पुलिस ने सफाई दी है कि जिस वक्‍त महिला थाने आई थी, उस वक्‍त थाने में कोई वाहन उपलब्‍ध नहीं था, इसलिए महिला से स्‍कूटी पर पति को अस्‍पताल ले जाने को कहा गया.

नागपुर के एक पुलिसथाने में आधी रात को एक महिला अपने जख्मी पति को लेकर आई थी. उसके पति पर जानलेवा हमला हुआ था और वह लहूलुहान था. पुलिस ने महिला को कहा कि वो उसे स्कूटी पर बैठाकर अस्पताल ले जाए क्योंकि थाने में उस वक्त कोई गाड़ी नहीं थी. मजबूर महिला किसी तरह जख्मी पति को स्कूटी पर बैठाकर थाने ले जा रही थी कि रास्ते में ही उसका पति बेहोश हो गया. किसी तरह दो राहगीरों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.

नागपुर के पॉवरग्रिड चौक में 30 वर्षीय महेश वरयानी पत्नी भाविशा और माता पिता के साथ रहते थे. नागपुर के जरीपटका इलाके में ‘मिर्च मसाला’ नाम का उनका एक रेस्तरां है. 22 जून की आधी रात को जब  महेश और उसकी पत्नी भाविशा होटल बंद करके घर  लौट रहे थे, तभी आरोपी आकाश और दीपक छाबड़ा ने उन्हें पॉवरग्रिड चौक पर रोक दिया. दोनों के बीच झगड़ा हुआ, जिसके बाद आरोपी दीपक और आकाश ने महेश को तेज हथियार से वार कर घायल कर दिया.

आरोपी आकाश और दीपक की उसी इलाके में ‘किंग किचन’ नाम का एक होटल होने की वजह से उनके बीच पुरानी दुश्मनी थी. गंभीर हालत में महेश की पत्नी भाविशा उसे अपनी स्कूटी पर बैठाकर करीब एक किलोमीटर दूर जरीपटका पुलिस स्टेशन ले गई. भाविशा ने पुलिस से महेश को तुरंत अस्पताल ले जाने का अनुरोध किया. पुलिस ने बताया कि उस वक्त उनके पास कोई गाड़ी नहीं है जिसमें जख्मी को ले जा सके.

पुलिस ने भाविशा को ही अपनी स्कूटी पर उसके पति को ले जाने के लिए कहा. करीब 10 मिनट तक थाने में इंतजार करने के बाद, भाविशा ने खून से लथपथ महेश को एक्टिवा पर बिठाया और अस्पताल की तरफ रवाना हुई. लेकिन आधे रास्ते में ही महेश बेहोश हो गया. दो राहगीरों की मदद से भाविशा किसी तरह अपने पति को अस्पताल लेकर गई.

बुरी तरह घायल महेश को सरकारी मेयो अस्पताल ले जाया गया. महेश को अगले दिन एक निजी हास्पिटल में भर्ती कराया गया लेकिन 24 जून को इलाज के दौरान महेश की मौत हो गई. इस घटना के बाद से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. पुलिस सफाई दे रही है कि थाने में तब कोई गाड़ी नहीं थी और भाविशा को कुछ देर रुकने को कहा गया था लेकिन वो खुद ही अपने पति को लेकर अस्पताल की तरफ रवाना हो गई. महेश के परिवार वालों ने इसकी  जांच की मांग की है.

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*