नईदिल्ली: उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की अवकाशकालीन पीठ ने याचिका पर सुनवाई से इंकार करते हुए कहा कि अगर आप महिला वकीलों की सुरक्षा और अन्य मांग चाहती है तो अलग से याचिका दायर करें.
दरअसल, यह याचिका वकील इंदू कौल ने दाखिल की थी.याचिका में सीबीआई जांच की मांग के साथ-साथ पूरे देश की अदालतों में महिला वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की गई थी. आपको बता दें कि दरवेश यादव उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष चुनी गई थीं. अध्यक्ष चुने जाने के दो दिन बाद 12 जून को आगरा जिला अदालत परिसर स्थित चेंबर में गोली मार कर उनकी हत्या कर दी गई थी.उन्हें स्वागत समारोह में साथी वकील मनीष शर्मा ने ही गोली मारी थी और दरवेश पर गोली मारने के बाद मनीष ने खुद को भी गोली मार ली थी.
याचिका में दरवेश यादव के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा दिलाने के साथ ही दिल्ली बार काउंसिल को समाजिक सुरक्षा के तौर पर दिल्ली सरकार से मिले 50 लाख रुपये के बारे में एक योजना तैयार करने का निर्देश देने की मांग की गई थी. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को दरवेशहत्याकांड की जांच की प्रगति रिपोर्ट बताने का भी निर्देश देने की मांग की गई थी.
इसके अलावा याचिका में वकीलों की सुरक्षा के साथ ही बीमारी और आकस्मिक मौत के समय उनके लिए कोई सामाजिक सुरक्षा या सहारा न होने का भी मुद्दा उठाया गया था. विशेषतौर पर महिला वकीलों को सुरक्षा दिलाने की मांग करते हुए कहा गया था कि देश भर में महिला वकीलों को अदालत के समय के बाद भी पुलिस सुरक्षा दिलाई जाए. यह भी कहा गया था कि बार काउंसिल आफ इंडिया को निर्देश दिया जाए कि वह राज्य की बार काउंसिलों से समन्वय कर महिला वकीलों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना तैयार करे.