भोपाल: जनता के वायदे पूरा करने के इरादे से सरकार में आई कमलनाथ सरकार से खाली खजाने का भूत उतरने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार को प्रदेश में 15 सितंबर के बाद से निर्माण कार्य शुरू करने हैं, लिहाजा वित्तीय ज़रूरतें पूरी करने के लिए रिजर्व बैंक से दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज हासिल किया जा रहा है. नौ महीने से सत्ता में बैठी कमलनाथ सरकार अब तक 14 बार कर्ज ले चुकी है. कांग्रेस सरकार का कर्ज का आंकड़ा 12 हजार 600 करोड़ पूरा कर चुका है.
इस नए कर्ज के साथ ही सरकार ने केंद्र सरकार पर तुष्टीकरण के आरोप भी जड़ दिए हैं. किसान कर्ज की भरपाई, निर्माण कार्यों की शुरुआत के साथ ही कर्मचारियों के नियमितीकरण, सुविधाएं और वेतन वृद्धि की मांग पूरी करने के लिए सरकार को इसी महीने भारी भरकम राशि की ज़रूरत है.
इस जरूरत को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपए के नए कर्ज के लिए रिजर्व बैंक को अर्जी दे दी है. ये अर्जी पूरा होने में भी देर नहीं है. इसलिए एक-दो दिनों में ही ये राशि एमपी सरकार के खजाने में आने की तैयारी है. जिससे अगले हफ्ते ही सरकार अपने कामकाज शुरू कर देगी.
सरकार में आने के बाद पंद्रहवी बार कर्ज लेते वक्त इस बार कांग्रेस के मंत्री केंद्र सरकार को भी जमकर कोस रहे हैं. जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने आरोप लगाया कि सीएम कमलनाथ ने खाली खजाने के लिए कभी भी जनहितैषी योजनाओं को लटकाया नहीं. बल्कि वित्तीय प्रबंधन का इस्तेमाल करते हुए योजनाएं लगातार शुरू की हैं.
पीसी शर्मा ने कहा – ‘बीजेपी सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए जयंत मलैया ने कहा था कि हम खजाना खाली करके जा रहे हैं. कमलनाथ ने जब सरकार संभाली तक एमपी पर 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्जा था.’ शर्मा ये भी कहते हैं कि केंद्र सरकार से एमपी को अपने हिस्से की राशि लेनी है. ये राशि करीब 27 सौ करोड़ रुपए है. 27 करोड़ रुपए केंद्र से मिल जाएंगे तो एमपी को कर्ज लेने की जरूरत नहीं होगी.
कमलनाथ के कृषि मंत्री सचिन यादव कहते हैं कि कर्ज माफी और किसानों की दूसरी योजनाएं पूरी करने के लिए केंद्र से राशि मिलनी जरूरी है. इस राशि के नहीं मिलने से किसानों की योजनाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.
बीजेपी ने साधा निशाना
शिवराज सरकार में मंत्री रहे बीजेपी विधायक विश्वास सारंग कहते हैं कि कांग्रेस सरकार ने अब तक ऐशो-आराम पर ही खर्च किया है. एक भी पैसा निर्माण कार्यों पर खर्च नहीं किया है. अकेले लोक निर्माण विभाग की ही बात कर लें तो इसमें अब तक मंत्री, मुख्यमंत्री और अफसरों के बंगलों को आलीशान बनाने का काम किया जा रहा है. सड़कों का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है. अब जबकि निर्माण कार्य शुरू करना है तो कर्ज लेने की ज़रूरत पड़ गई है.
किश्त दर किश्त
– सरकार ने जनवरी से अगस्त तक लिया 12 हजार 600 करोड़ का कर्ज.
– मौजूदा वित्तीय वर्ष में 6 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है सरकार.
– जनवरी में 1 हजार करोड़ का कर्ज लिया था सरकार ने.
– फरवरी में 4 हजार करोड़, मार्च में 1 हजार 600 करोड़ का लिया कर्ज.
– अप्रैल में 1 हजार करोड़, मई में 2 हजार और जून में 1 हजार करोड़ का कर्ज लिया.
– मई, जून, जुलाई और अगस्त में हर माह 1 हजार करोड़ का कर्ज लिया सरकार ने.
– सितंबर की शुरूआत में ही 2 हजार करोड़ रुपए का नया कर्ज ले रही है कांग्रेस सरकार.
Bureau Report
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