कोटा: मेडिकल कॉलेज कोटा के न्यूरोसर्जरी, शिशु रोग एवं निश्चेतना विभाग के डॉक्टरों के सम्मिलित प्रयासों से एक दो दिन नवजात के हेमरेज का सफल ऑपरेशन हुआ है. डॉक्टरों का दावा है कि संभाग में सम्भवत: इतनी कम उम्र के नवजात के क्रैनीयोटोमयी के ऑपरेशन का यह पहला मामला है.
चुनौतिपूर्ण था ऑपरेशन
न्यूरोसर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ एस एन गौतम ने बताया कि झालावाड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 21 नवंबर को नवजात के जन्म के तुरंत बाद नीचे गिर जाने से सिर में चोट लग गई थी. सीटी स्केन जाच में नवजात के सिर में हेमरेज (एक्स्ट्रा डूरल हेमेंटोमा) का होना पाया गया. जिसकी वजह से उसको मेडिकल कॉलेज कोटा रेफर कर दिया गया था.
नवजात की उम्र केवल दो दिन की थी. ऐसे में उसको ऑपरेशन के दौरान बेहोशी देना एवं ऑपरेशन की अवधि में लगातार बेहोश रखना तथा ऑपरेशन के बाद में होश में लाना बहुत चुनौतिपूर्ण था. इस उम्र में नवजात के फेफड़ों का विकास भी पूरा नहीं हो पाता. एनेसथिसिया विभाग की असिस्टैंट डॉक्टर सीमा मीना एवं विभाग के रेज़िडेंट डॉक्टर्स ने इस काम को बखूबी किया.
वहीं, ऑपरेशन के बाद नवजात की देखभाल की जिम्मेदारी शिशु रोग विभाग के डॉक्टर पंकज सिंघल एवं उनकी टीम ने पूरी तरह निभाई. जिसके बाद अब नवजात पूरी तरह से ठीक है. वहीं इस सघन ऑपरेशन के बाद परिवार वालों ने भी अस्पताल के डॉक्टरों का आभार जताया है.
Bureau Report
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