एजीआर मामला सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद वोडाफोन-आइडिया का भविष्य अनिश्चित

एजीआर मामला सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद वोडाफोन-आइडिया का भविष्य अनिश्चितनईदिल्ली: एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद वोडाफोन-आइडिया के भविष्य पर अनिश्चितता की स्थिति बन गई है। कंपनी पर 53,038 करोड़ रुपए बकाया हैं। लेकिन, कंपनी के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला पहले ही कह चुके हैं कि भुगतान में राहत नहीं मिली तो कंपनी बंद करनी पड़ेगी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार के आदेश के बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि वोडाफोन-आइडिया रकम का इतंजाम करेगी या फिर दिवालिया प्रक्रिया में जाने का विकल्प चुनेगी? टेलीकॉम विभाग ने भुगतान के लिए शुक्रवार आधी रात तक का वक्त दिया था। लेकिन, वोडाफोन-आइडिया की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।

एजीआर मामले में 17 मार्च को अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को टेलीकॉम कंपनियों से कहा कि 24 अक्टूबर 2019 के आदेश और दूसरी याचिका रद्द होने के बावजूद एजीआर की बकाया रकम क्यों नहीं चुकाई? क्यों न आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। इस मामले में अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।

वोडाफोन-आइडिया पर 1,15,850 करोड़ रुपए का कर्ज
वोडाफोन ग्रुप पहले ही कह चुका है कि वह ज्वाइंट वेंचर वोडाफोन-आइडिया में अब और पूंजी नहीं लगाएगा। 31 दिसंबर तक वोडाफोन-आइडिया का कर्ज 1,15,850 करोड़ रुपए था। इसमें लीज से जुड़ी देनदारियां शामिल नहीं हैं। अमेरिका के इन्वेस्टमेंट बैंक बीओएफए सिक्योरिटीज ने शुक्रवार को कहा था कि वोडाफोन-आइडिया पर खतरा दिख रहा है। क्या भारत के टेलीकॉम सेक्टर में अब सिर्फ दो कंपनियां रह जाएंगी?

वोडाफोन-आइडिया बंद हुई तो 11700 नौकरियां जाने का जोखिम
वोडाफोन-आइडिया पर अनिश्चितता की वजह से 11,700 प्रत्यक्ष और 1 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार भी खतरे में आ गए हैं। रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कहा था कि टेलीकॉम सेक्टर में 20 लाख रोजगार खत्म हो चुके हैं। आरकॉम ने पिछले साल दिवालिया प्रक्रिया में जाने फैसला लिया था।

वोडाफोन-आइडिया मर्जर के डेढ़ साल बाद भी नहीं उबर पाई
मई 2014 में जब मोदी सरकार पहली बार सत्ता में आई थी तब देश में 13 टेलीकॉम कंपनियां थीं, लेकिन ज्यादातर कंपनियां लागत और कॉम्पीटीशन बढ़ने की वजह से टिक नहीं पाईं। रिलायंस जियो के आने के बाद टेलीकॉम सेक्टर में कॉम्पीटीशन तेजी से बढ़ा है। जियो के फ्री डेटा और सस्ती कॉलिंग रेट्स की वजह से बाकी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ गईं। आरकॉम को कारोबार बंद करना पड़ा। वोडाफोन और आइडिया को मर्जर का फैसला लेना पड़ा, लेकिन मर्जर पूरा होने के डेढ़ साल बाद भी कंपनी मुश्किलों से नहीं उबर पाई है।

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*