लखनऊ: सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने यूपी सरकार की ओर से मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या के धन्नीपुर गांव में दिए गए 5 एकड़ जमीन को स्वीकार कर लिया है. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुई बैठक में इस पर फैसला लिया गया. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इस जमीन के लिए इंडो-इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन नाम से ट्रस्ट गठित करने का फैसला लिया है.
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बैठक के बाद एक बयान जारी कर बताया कि इस 5 एकड़ जमीन पर एक मस्जिद का निर्माण किया जाएगा. एक सेंटर की स्थापना की जाएगी जो कई सदियों की इंडो-इस्लामिक कल्चर को दर्शाएगा. भारतीय और इस्लामिक सभ्यता के अन्वेषण
और अध्ययन के लिए एक केंद्र की स्थापना की जाएगी. इसके अलावा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने जमीन पर एक चैरिटेबल हॉस्पिटल और एक लाइब्रेरी बनाने का भी फैसला लिया है.
इससे पहले सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के दो सदस्यों अब्दुल रज्जाक और इमरान माबूद ने मस्जिद के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अयोध्या में उपलब्ध कराई गई जमीन स्वीकार करने का विरोध करते हुए बैठक का बहिष्कार किया. वहीं सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी पहले ही कह चुके थे कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दी जा रही जमीन को लेने से इनकार नहीं किया जा सकता. अब बोर्ड ने जमीन स्वीकर कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान किया है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते वर्ष 9 नवंबर को अयोध्या केस में फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन पर राम मंदिर निर्माण करने और केंद्र सरकार को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थान पर 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का आदेश दिया था. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बीते 5 फरवरी को अयोध्या जिले के सोहावल इलाके के धन्नीपुर गांव में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने का फैसला किया था.
Bureau Report
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