UP Budget 2020-21: उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा बजट पेश, जानें योगी सरकार ने किसे क्या दिया

UP Budget 2020-21: उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा बजट पेश, जानें योगी सरकार ने किसे क्या दियालखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट आज विधानसभा में पेश किया. योगी सरकार के कार्यकाल का यह चौथा बजट है जिसका आकार 5.12 लाख करोड़ रुपए है. उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना लाल सूटकेस में बजट के दस्तावेज लेकर विधानसभा पहुंचे.

वित्तमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत करते ही कहा कि 2017-18 का बजट किसानों को समर्पित था, 2018-19 का बजट औद्योगिक विकास को समर्पित था और 2019-20 का बजट महिला सशक्तीकरण को समर्पित था. हमारा चौथा बजट, यानी वित्त वर्ष 2020-21 का बजट युवाओं की शिक्षा, संवर्धन और रोजगार को समर्पित है.

बजट में सहारनपुर, अलीगढ़, आजमगढ़ में 3 नए राज्य विश्वविद्यालय. राज्य में पुलिस फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी की स्थापना. प्रयागराज मेला यूनिवर्सिटी, गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव रखा गया. इस बार के बजट में 10 हजार 967 करोड़ 87 लाख की नई योजनाएं शामिल की गई हैं.

बता दें, बजट आकार का अनुमान पहले ही लगा लिया गया था. बजट के माध्यम से प्रदेश सरकार एक्सप्रेस-वे निर्माण पर जोर दिया है. इसमें बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए अलग अलग राशि आवंटित की गई है. बजट में अयोध्या में उच्च स्तरीय पर्यटक अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 85 करोड़ की व्यवस्था की गई है.

कुल 5 लाख 12 हज़ार 860 करोड़ 72 लाख रुपये का बजट. राजकोषीय घाटा 53 हज़ार 195 करोड़ 46 लाख रुपये अनुमानित. अटल आवासीय विद्यालय के लिए 270 करोड़ रुपये. राष्ट्रीय कृषि बाजार के लिए 1 हजार 483 करोड़ 80 लाख रुपये की व्यवस्था. राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल की स्थापना हेतु 50 करोड़ की व्यवस्था.

प्रधानमंत्री मातृ योजना हेतु 291 करोड़ रुपये.

केजीएमयू लखनऊ के लिए 919 करोड़ रुपये.

मेडिकल कॉलेज लखनऊ के लिए 919 करोड़ रुपये.

लखनऊ पीजीआई के लिए 820 करोड़ रुपये.

ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई के लिए 309 करोड़ रुपये.

डॉ राम मनोहर लोहिया संस्थान के लिए 477 करोड़ रुपये.

लखनऊ कैंसर संस्थान के लिए 187 करोड़ रुपये. केजीएमयू को 919 करोड़ रुपये.

ग्रामीण क्षेत्र के सीएचसी को सौ शैया चिकित्सालय में परिवर्तित करने के लिए 50 करोड़ रुपये.

इंफ्रास्ट्रक्चर

आगरा मेट्रो को 286 करोड़ रुपये. कानपुर मेट्रो को 358 करोड़ रुपये.

गोरखपुर व अन्य शहरों की मेट्रो परियोजनाओं के लिए 200 करोड़ रुपये. 

दिल्ली से मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए 900 करोड़ रुपये.
 
गांवों में जल जीवन मिशन को 3000 करोड़ रुपये.

अयोध्या में एयरपोर्ट के लिए 500 करोड़. 

ग्रामीण मार्गों के निर्माण हेतु 2305 करोड़ रुपए, राज्य सड़क निधि हेतु 1500 करोड़.

मार्गों की मरम्मत करने के लिए 3524 करोड़ रुपए.

विश्व बैंक की सहायता से प्रस्तावित उत्तर प्रदेश कोर रोड नेटवर्क परियोजना के लिए 830 करोड़ रुपए.

उत्तर प्रदेश मुख्य ज़िला विकास परियोजना के अंतर्गत मार्ग निर्माण के लिए 755 करोड़ रुपए.

पूर्वांचल निधि के लिए 300 करोड़ , बुंदेलखंड निधि के लिए 210 करोड़ रुपए की व्यवस्था.

केंद्रीय मार्ग योजना के लिए 2080 करोड़ रुपए की व्यवस्था.

पुलों के निर्माण के लिए 2529 करोड़ रुपए की व्यवस्था.

पर्यटन संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य

अयोध्या में उच्च स्तरीय पर्यटक अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 85 करोड़ की व्यवस्था.

तुलसी स्मारक भवन के लिए 10 करोड़ की व्यवस्था. वाराणसी में संस्कृति केंद्र की स्थापना के लिए 180 करोड़ की व्यवस्था.

पर्यटन इकाई के प्रोत्साहन के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था. गोरखपुर के रामगढ़ ताल में वाटर स्पोर्ट्स के लिए 25 करोड़ रुपये.

काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए 200 करोड़ की व्यवस्था. 

पुलिस 

अनावासीय भवनों के निर्माण के लिए 650 करोड़ रुपए और आवासीय भवनों के निर्माण के लिए 600 करोड़ रुपए.

नवसृजित जिलों में आवासीय व अनावासीय भवनों के निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपए.

अग्निशमन केंद्र के आवासीय व अनावासीय भवनों के लिए निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपए.

पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना के लिए 122 करोड़ रुपए.

विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं के निर्माण के लिए 60 करोड़.

उत्तर प्रदेश पुलिस फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए 20 करोड़.

ड्यूटी के दौरान शहीद या घायल हुए पुलिस एवं अग्निशमन सेवा के कर्मियों के परिवारों को 27 करोड़ रुपए.

अग्निशमन सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 10 करोड़.

अग्निशमन केंद्रों पर बिजली की व्यवस्था के लिए सोलर पॉवर प्लांट्स की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपए.

स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना के लिए 16 करोड़ रुपए.

साइबर क्राइम प्रीवेंशन अगेंस्ट वीमेन एंड चिल्ड्रेन के लिए तीन करोड़ रुपए.

सेफ सिटी योजना के लिए 97 करोड़.

समाज कल्याण

निराश्रित महिलाओं, तलाकशुदा महिलाओं के लिए पेंशन. बजट में 1432 करोड़ रुपये दिए गए.

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगल योजना के लिए चौथे बजट में 1 हज़ार 200 करोड़ दिया गया.

वृद्धावस्था/किसान पेंशन योजना हेतु 1 हज़ार 459 करोड़ रुपये की व्यवस्था.

राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए 1 हज़ार 251 करोड़ रुपये.

राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के लिए 500 करोड़ रुपये.

मुख्यमंत्री सामूहिक योजना के लिए 250 करोड़.

पिछड़े वर्ग के छात्र छात्राओं हेतु छात्रवर्ती योजना के लिए 1 हज़ार 375 करोड़ रुपये.

अल्पसंख्यक कल्याण

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के लिए 783 करोड़ रुपये.

मान्यता प्राप्त मदरसों व मकतबों के लिए 479 करोड़ रुपये.

Bureau Report

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