नईदिल्ली: एयर इंडिया ने गुरुवार को कहा कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों को हटाने वाली अन्य एअरलाइनों की तरह इसके किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी. देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने सोमवार को घोषणा की थी कि कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न आर्थिक संकट के चलते वह अपने 10 प्रतिशत कर्मचारियों को हटाएगी.
एयर इंडिया ने ट्विटर पर कहा, ‘‘कर्मचारियों के वेतन पर होने वाले खर्च को तर्कसंगत बनाने के एयर इंडिया बोर्ड के हालिया निर्णय की आज शाम नागरिक उड्डयन मंत्रालय की एक बैठक में समीक्षा की गई. बैठक में दोहराया गया कि अन्य एयरलाइनों की तरह एयर इंडिया के किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी.’’
राष्ट्रीय संवाहक ने 25 हजार से अधिक कुल मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों के भत्तों में 50 प्रतिशत तक की कटौती की बुधवार को घोषणा की थी.
इसने ट्विटर पर कहा, ‘‘किसी भी श्रेणी के कर्मचारी के मूल वेतन, महंगाई भत्ता और एचआरए में कोई कटौती नहीं की जाएगी. कोविड-19 की वजह से एअरलाइन की मुश्किल वित्तीय स्थिति के चलते भत्तों को तर्कसंगत करने का निर्णय करना पड़ा.’’
इसने कहा कि चालक दल के सदस्यों को उड़ान के घंटों के आधार पर भुगतान किया जाएगा.
एअरलाइन ने कहा, ‘‘घरेलू और अंतरराष्ट्रीय परिचालन के कोविड-19 से पहले जैसी स्थिति पर पहुंचने तथा एयर इंडिया की वित्तीय हालत में सुधार होने पर तर्कसंगत किए गए भत्तों की समीक्षा की जाएगी.’’
एयर इंडिया ने कर्मचारियों के वेतन को तर्कसंगत बनाने के प्रयास के तहत एक महत्वपूर्ण कदम में 14 जुलाई को एक आंतरिक आदेश जारी कर अपने विभाग प्रमुखों तथा क्षेत्रीय निदेशकों से कार्यक्षमता, स्वास्थ्य जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर ऐसे कर्मचारियों की पहचान करने को कहा था जिन्हें बिना वेतन पांच साल तक की आवश्यक छुट्टी पर भेजा जा सके. इसने कहा था कि कर्मचारी स्वैच्छिक रूप से भी बिना वेतन अवकाश पर जाने का विकल्प चुन सकते हैं.
Bureau Report
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