कानपुर: कानपुर मुठभेड़ कांड में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक्शन की शुरुआत कर दी है. चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी के बाद अब चौबेपुर थाने के दो सब इंस्पेक्टर और एक सिपाही को निलंबित कर दिया गया है. सभी विकास के संपर्क में थे, कॉल डिटेल से खुलासा हुआ. सरकार ने सब इंस्पेक्टर कुंवर पाल, सब इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार शर्मा और आरक्षी राजीव को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है.
115 पुलिस वाले जांच के दायरे में
कानपुर मुठभेड़ मामले में 115 पुलिस वाले जांच के दायरे में हैं. सूत्रों के मुताबिक, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ हत्या (302) का मामला दर्ज किया जाएगा, कानपुर पुलिस तकरीबन 115 पुलिस वालों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड का विश्लेषण कर रही है, जो गैंगस्टर के पे रोल पर हो सकते हैं.
क्षेत्र में और आसपास रहने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या और उनके विवरणों की जांच करके पता लगाया जा रहा है कि किसने विकास को फोन किया और पुलिस मूवमेंट के बारे में उसे जानकारी दी. विशेषज्ञों की एक टीम को कई पुलिसकर्मीयों का नंबर सौंप दिया गया है. पिछले 15 दिनों से दुबे और उनके गुर्गों द्वारा इस्तेमाल किए गए नंबरों की जांच की जा रही है.
यूपी के कई कोर्ट में अलर्ट
विकास दुबे के सरेंडर की खबरों के बीच आज भी यूपी के कई कोर्ट में अलर्ट जारी है. पुलिस लगातार गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है. किसी भी हाल में पुलिस विकास दुबे को कोर्ट में सरेंडर नहीं करने देना चाहती है. यूपी पुलिस सरेंडर से पहले ही विकास दुबे को गिरफ्तार करना चाहती है.
अपराध को अंजाम देने में पत्नी का भी सहयोग
विकास दुबे की पत्नी ऋचा अपने बच्चों के साथ लखनऊ में रहती थीं लेकिन विकास दुबे के अपराधों में उसका सहयोग करती थीं विकास किस घटना में शामिल है इसकी जानकारी ऋचा को रहती थी. बिकरु गांव में बने घर के बाहर लगे सीसीटीवी ऋचा के मोबाइल से भी कनेक्ट थे जब कभी विकास को पुलिस उठाती थी ऋचा एनकाउंटर के डर से सोशल मीडिया पर सीसीटीवी फुटेज वायरल कर देती थी. ज्यादातर संपत्ति जमीन फ्लैट ऋचा के नाम से ही है.
विकास की एक डायरी जिसमें उसके वसूली के काले कारनामों का जिक्र है पुलिस उस डायरी की तलाश कर रही है उस डायरी में अवैध वसूली के साथ ही विकास के जमीन से जुड़े अवैध कारोबार का भी काला चिठ्ठा है. विकास दुबे के सभी मामलों की दोबारा समीक्षा की जाएगी उसकी पुरानी केस डायरी को भी खोला जा रहा है.
घटना के बाद बाइक से फरार हुआ विकास दुबे
कानपुर पुलिस की तरफ से विकास पर इनाम की राशि बढ़ाकर 5 लाख करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है. मुठभेड़ की घटना में पूछताछ के आधार पर कुछ नाम और दर्ज किए जाएंगे. अतुल दुबे का बेटा वितुल दुबे के नाम असलाह का लाइसेंस है. उसने भी पुलिस पर गोलियां बरसाई थी पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है. पुलिस ने ऐसे 10 लोगों को और चिन्हित किया है. एफआईआर में उनके नाम दर्ज किए जाएंगे. वहीं चौबेपुर थाने के सभी पुलिसकर्मियों के प्राइवेट सिम जमा करा लिए गए हैं.
दबिश की सूचना के बाद ही विकास दुबे ने अपने भागने की तैयारी कर ली थी. पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद विकास दुबे बाइक से गांव से फरार हुआ था. गांव की गली से निकलकर पांडु नदी पारकर बेला बिधूना रोड पहुंचा जहां पहले से विकास का एक गुर्गा गाड़ी लेकर तैयार खड़ा था वहां से गाड़ी के जरिये विकास हाइवे की तरफ निकल गया.
दयाशंकर से पूछताछ में पता चला है दबिश की जानकारी साढ़े 5 घंटे पहले विकास को फोन से मिली थी जिसके बाद उसने सभी दरवाजे खिड़की बंद का आदेश अपने गुर्गों को दिया और फोन कर असलाह धारी लोगों को जुटाकर उन्हें अपने मकान के आसपास तीन दिशाओं में छतों पर तैनात कर दिया. विकास ने दयाशंकर से कहा था कि आज आने दो इतने खाकी वालों को गिरा दूंगा कि गिनना मुश्किल हो जाएगा.
Bureau Report
Leave a Reply