विकास दुबे के साथी शशिकांत पांडे का कबूलनामा, ‘हमारे आंगन में ही हुई CO की हत्या’

विकास दुबे के साथी शशिकांत पांडे का कबूलनामा, 'हमारे आंगन में ही हुई CO की हत्या'लखनऊ: पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले कानपुर एनकाउंटर में विकास दुबे के साथी शशिकांत पांडे ने कई बड़े खुलासे किए हैं. 50 हजार के इनामी बदमाश शशिकांत पांडे को पुलिस ने कल गिरफ्तार किया था. शशिकांत ने अपने कबूलनामे में बताया कि विकास दुबे के हुक्म पर पुलिसवालों पर गोलियां बरसाई गईं. शशिकांत ने पुलिस को बताया कि विकास दुबे ने पुलिसबल पर जबर्दस्ती गोली चलवाई.

शशिकांत ने अपने कबूलनामे में बताया, “विकास ने कहा था कि गोली नहीं चलाओगे तो मार डालूंगा. विकास दुबे ने हर हाल में पुलिसवालों को मारने का आदेश दिया था. विकास दुबे समेत करीब 10 लोगों ने पुलिस वालों पर फायरिंग की थी. पुलिसबल पर हमले के लिए विकास दुबे ने सबको फोन करके बुलाया था.” 

शशिकांत ने आगे बताया, “हमले के लिए विकास दुबे ने ही हथियारों का इंतजाम किया था. पुलिसवालों के आने की सूचना हमें पहले से थी. पुलिसवालों पर छत से फायरिंग हुई. विकास दुबे ने फोन कर बुलाया और कहा कि आज गोली चलेगी. विकास दुबे ने राइफल और बंदूक पहले से इकट्ठा कर रखे थे. मेरे आंगन में सीओ देवेंद्र मिश्र की हत्या हुई. मेरे घर के दरवाजे पर दो दारोगा की हत्या की गई. दारोगा मदद मांग रहे थे, लेकिन हमने दरवाजा नहीं खोला. अगर हम दरवाजा खोलते तो विकास दुबे हमें मार डालता.” 

विकास दुबे और उसके साथियों ने घटना को कैसे अंजाम दिया, इसका पूरा ब्यौरा शशिकांत ने हमारे रिपोर्टर को दिया: 

शशिकांत: सर, उस दिन गोली चली थी. गोली जबर्दस्ती केवल विकास दुबे के जरिये चलवाई गई थी. उसमें अमर दुबे, प्रभात मिश्रा, विकास दुबे, बउआ और अतुल दुबे और मेरे पापा शामिल थे, जो पुलिस मुठभेड़ में मारे गए. हम लोगों पर दबाव बनाकर कहा गया कि अगर तुम लोग गोली नहीं चलाओगे तो  तुम्हें मार डालेंगे.  

रिपोर्टर: किन-किन लोगों ने गोली चलाई थी, ये बताओ. 
शशिकांत: सर, बहुत थे.

रिपोर्टर: कौन-कौन थे?
शशिकांत: लालू थे, शिवम था, हम थे और पीहू, अखिलेश मिश्रा थे, राजेंद्र थे, प्रभात था और अमर था और विकास…  

रिपोर्टर: घटनाक्रम कैसे शुरू हुआ? गोली चलाने की स्थिति क्यों आ गई? क्या सूचना आ गई थी कि पुलिस आ रही है? कैसे मालूम था कि पुलिस आ गई है? 

शशिकांत: पुलिस द्वारा सूचना दी गई थी. 

रिपोर्टर: क्या सूचना आई थी. 
शशिकांत: पुलिस द्वारा सूचना ये आई थी कि इनको मारना है. पुलिसवालों को. 

रिपोर्टर: तुम्हारे आंगन में कितने लोगों की हत्या हुई थी ?
शशिकांत:
 हमारे आंगन में तीन लोगों की हत्या हुई. 

रिपोर्टर: कौन-कौन?
शशिकांत: आंगन में सीओ साहब और बाहर दरवाजे पर दो दारोगा. 

रिपोर्टर-  जब दारोगा जी वहां मदद मांग रहे थे, तुम लोगों ने गेट क्यों नहीं खोला? 
शशिकांत:
 सर, हम लोगों ने गेट इसलिए नहीं खोला क्योंकि अगर गेट खोलते तो (विकास) हमें मार डालता. 

रिपोर्टर: तुम लोग छत से गोली चला रहे थे?
शशिकांत:
 जी

रिपोर्टर: तुम और तुम्हारे पिताजी छत से गोली चला रहे थे?
शशिकांत:
 नहीं 

रिपोर्टर: असलहे कहां से आए थे?
शशिकांत:
 असलहे सब विकास दुबे ने दिलाए थे. 

रिपोर्टर- कौन-कौन से असलहे थे?
शशिकांत:
 बंदूक, राइफल सभी थी. 

रिपोर्टर: घटना शुरू कैसे हुई, ये बताओ. सूचना आई. विकास दुबे ने तुम लोगों को बुलाया. क्या कहकर बुलाया?
शशिकांत:
 फोन करके बुलाया था. 

रिपोर्टर- क्या बोला?
शशिकांत: बोला कि आज गोली चलनी है. बस इतना कहा. और कुछ नहीं कहा था. 

Bureau Report

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