नईदिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 14वें दिन भी जारी है. इस बीच सरकार ने किसानों को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें बताया गया है कि कानूनों में क्या बदलाव किया जा सकता है. किसानों ने सरकार के छठे दौर की बैठक से पहले लिखित प्रस्ताव की मांग की थी. बता दें कि आंदोलन खत्म करने के लिए सरकार और किसानों के बीच अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला.
सरकार ने भेजा लिखित प्रस्ताव
सरकार की ओर से आंदोलन कर रहे किसानों को लिखित प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें जिसमें मुख्य रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र किया गया है. इसके अलावा सरकार ने प्रस्ताव में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत देने और प्राइवेट प्लेयर्स पर टैक्स लगाने की बात की गई है.
कानूनों में क्या बदलाव कर सकती है सरकार
– कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के कानून में अभी किसान के पास कोर्ट जाने का अधिकार नहीं है, ऐसे में सरकार इसमें संशोधन कर कोर्ट जाने के अधिकार को शामिल कर सकती है.
– प्राइवेट प्लेयर अभी पैन कार्ड की मदद से काम कर सकते हैं, लेकिन किसानों ने पंजीकरण व्यवस्था की बात कही. सरकार इस शर्त को मान सकती है.
– इसके अलावा प्राइवेट प्लेयर्स पर कुछ टैक्स की बात भी सरकार मानती दिख रही है.
– किसान नेताओं के मुताबिक, अमित शाह ने MSP सिस्टम और मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत के अनुसार कुछ बदलाव की बात कही है.
सिंघु बॉर्डर पर होगी किसान नेताओं की बैठक
सरकार की ओर से प्रस्ताव मिलने के बाद अब किसान नेताओं की सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी. इसके बाद आगे की रणनीति का एलान किया जाएगा. इसके साथ ही 40 किसान संगठनों की बैठक के बाद किसान इस बात का फैसला करेंगे कि सरकार के साथ आगे की वार्ता होनी है या फिर नहीं.
Bureau Report
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