नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में सोमवार को पूरे दिन सियासी घमासान मचा रहा और आखिर में सांसद पशुपति पारस लोक सभा में पार्टी लीडर नियुक्त किए गए. हालांकि दिल्ली से शुरू हुआ ये बवाल अभी थमने वाला नहीं है क्योंकि लोजपा के अध्यक्ष अब भी चिराग पासवान हैं जिनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने इस पार्टी की स्थापना की थी.
पारस बनेंगे पार्टी अध्यक्ष?
अब लोजपा दो धड़ों में बंट गई है जिसमें एक खेमा पशुपति पारस को पार्टी की कमान सौंपना चाहता था और इसे पार्टी के 5 सांसदों का समर्थन भी हासिल है. वहीं दूसरा गुट चिराग पासवान के साथ है जो कि काफी कमजोर नजर आ रहा है. ऐसे में अब लोजपा के अगले अध्यक्ष के लिए चिराग के चाचा पशुपति पारस का नाम तय माना जा रहा है.
लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूरज भान सिंह का कहना है कि पार्टी के बड़े नेताओं का बुधवार से पटना पहुंचने का सिलसिला शुरू होगा. दिल्ली में मौजूद सूरज भान ने कहा कि चिराग पासवान चाहें तो पार्टी में बने रह सकते हैं .उनके मुताबिक लोगों का असली मकसद चिराग पासवान को नुकसान पहुंचाना नहीं बल्कि पार्टी बचाना है.
विकल्प तलाश रहे चिराग
माना जा रहा कि कल के बाद से लोजपा के अंदर सियासी हलचल तेज़ होगी. अगले 2-3 दिन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुला कर पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जा सकता है. वहीं चिराग पासवान गुट में भी हलचल बढ़ गई है. चिराग के खास माने जाने वाले नेता भी दिल्ली पहुंच रहे हैं. पार्टी को कैसे अपने कब्जे में रखना है, इस बात पर मंथन चल रहा है. इसके लिए कानूनी विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं.
Bureau Report
Leave a Reply