नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में देश के स्थायी मिशन के काउंसलर आर मधुसूदन (R Madhusudan) ने कहा है कि भारत, पाकिस्तान (Pakistan) के साथ सामान्य पड़ोसी जैसे संबंध चाहता है. ऐसे में अब इस्लामाबाद (Islamabad) की ये जिम्मेदारी है कि वो इसके लिए एक सही माहौल तैयार करे. इसी के साथ पाकिस्तान को दो टूक सुनाते हुए ये भी कहा गया कि उसे अपनी जमीन का किसी भी तरीके से भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद (Cross-Border Terrorism) के लिए इस्तेमाल न होने दे.
भारत ने साफ किया रुख
भारतीय अधिकारी मधुसूदन ने कहा कि हमारी स्थिति एकदम साफ है कि किसी भी मुद्दे पर आतंकवाद से मुक्त माहौल में बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए. द्विपक्षीय बातचीत से किसी भी मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान किया जा सकता है. गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के अध्यक्ष वोल्कन बोज्किर ने हाल ही में पाकिस्तान की तरफदारी की थी.https://c24488063f50d65d7ad6a2da19d6058e.safeframe.googlesyndication.com/safeframe/1-0-38/html/container.html
बोज्किर ने कश्मीर (Kashmir) मसले की तुलना फिलिस्तीन (Palestine) से भी की थी. बोज्किर के बयान पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कड़ी आपत्ति जताई थी. भारत ने उनके बयान को पूर्वाग्रह से ग्रस्त और गुमराह करने वाला बताया था. भारत के कड़े रुख के बाद संयुक्त राष्ट्र (UN) के प्रमुख की प्रवक्ता ने इस मसले पर सफाई दी थी.
सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट पर टिप्पणी
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर आर मधुसूदन ने यह टिप्पणी शुक्रवार को ‘2020 के लिए सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट’ पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कीं. इंडियन काउंसलर मधुसूदन ने महासभा में कहा, ‘भारत, पाकिस्तान समेत सभी देशों के साथ सामान्य दोस्ताना संबंध चाहता है. हमारा लगातार यह रुख रहा है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच कोई मसला है तो उसका हल द्विपक्षीय तथा शांतिपूर्ण रूप से निकाला जाना चाहिए और वो भी भय, शत्रुता और हिंसा से मुक्त माहौल में.’
सुरक्षा परिषद में भारत की स्थिति
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक आयोजन में भारत की ओर से ये भी कहा गया, ‘यह साफ है कि यह प्रतिनिधिमंडल अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मूर्ख नहीं बना पाएगा. पाकिस्तान यूएनजीए (UNGA) के मंच का दुरुपयोग करना चाहता है और उसने ‘एक बार फिर मेरे देश के आंतरिक मुद्दों को उठाया है.’
उन्होंने कहा कि भारत की संसद द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख पर लिए गए फैसले ‘भारत के आंतरिक मामले’ हैं. फिलहाल भारत का गैर-स्थायी सदस्य के तौर पर सुरक्षा परिषद (Security Council) का 2 साल का कार्यकाल है. भारत ने कहा 15 देशों की परिषद के सदस्य के तौर पर वह निर्वाचित सदस्यों के साथ कामकाज के तरीकों में सुधार लाने के प्रयास जारी रखेगा.
Bureau Report
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