नईदिल्ली: सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को पेगासस जासूसी मामले में सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। दिग्गज पत्रकार एन. राम और शशि कुमार की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है। पत्रकारों द्वारा दायर याचिका में पेगासस जासूसी कांड की अपने मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से स्वतंत्र जांच के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी। वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि नागरिकों, राजनेताओं, विपक्षी दलों, पत्रकारों और अदालत के कर्मचारियों की नागरिक स्वतंत्रता को निगरानी में रखा गया है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है, जो भारत समेत दुनियाभर में छाया हुआ है और इस मुद्दे पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। सिब्बल की दलीलों के बाद पीठ ने कहा कि वह अगले सप्ताह मामले की सुनवाई कर सकती है।
याचिकाकर्ताओं ने केंद्र को यह खुलासा करने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की कि क्या उसकी किसी एजेंसी ने पेगासस स्पाइवेयर के लिए लाइसेंस प्राप्त किया है या कथित रूप से निगरानी करने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसका इस्तेमाल किया है।
याचिका में दावा किया गया है कि हैकिंग एक आपराधिक अपराध है जो अन्य बातों के साथ दंडनीय है। 66 (कंप्यूटर से संबंधित अपराध), 66B (बेईमानी से चुराए गए कंप्यूटर संसाधन या संचार उपकरण प्राप्त करने की सजा), 66E (गोपनीयता के उल्लंघन के लिए सजा) और 66F (साइबर आतंकवाद के लिए सजा) आईटी अधिनियम के कारावास या जुर्माना के साथ दंडनीय है।
बता दें कि पेगासस जासूसी मामले में विपक्ष संसद के मानसून सत्र में जमकर हंगामा कर रहा है। सदन की कार्यवाही भी सही से नहीं चल पा रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार से कहा था कि वो संसद का अधिक समय बर्बाद न करें और विपक्ष को महंगाई, किसानों और पेगासस के मुद्दों को सदन में उठाने दें।
Bureau Report
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