रांची: झारखंड विधान सभा में नमाज पढ़ने के लिए एक खास कमरा आवंटित करने के आदेश पर विवाद बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को विधान सभा सचिवालय ने आदेश जारी कर कहा कि रूम नंबर 348 को नमाज कक्ष के लिए आवंटित किया जाता है. अब बीजेपी ने इस आदेश पर सवाल उठाते हुए मांग की है कि बहुसंख्यक विधायकों की भावना का ख्याल रखते हुए विधान सभा में मंदिर का निर्माण हो. हालांकि जेएमएम जो कि इस वक्त झारखंड में सरकार चला रही है उसका कहना है कि ये व्यवस्था पुरानी है.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ये सब वोट बैंक की राजनीति है. तुष्टिकरण के लिए ये सब हो रहा है. लोकतंत्र के मंदिर पर सरकार ने धब्बा लगाया है.
वहीं बीजेपी विधायक ने कहा कि विधान सभा में इबादत के लिए व्यवस्था विधान सभा की तरफ से की गई है. इबादत करने का सबका अधिकार है मुझे लगता है कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि इबादत करने के लिए विधान सभा के अंदर ऐसी व्यवस्था की गई है. मैं तो कहूंगा सर्वधर्म समभाव होना चाहिए. इसमें कहीं कोई आपत्ति भी नहीं होगी. साथ ही साथ विधान सभा के अंदर मंदिर का निर्माण हो जाना चाहिए ताकि बहुसंख्यक विधायक उस मंदिर में जाकर पूजा अर्चना कर सकें.
उन्होंने आगे कहा कि तब ये पता चलेगा कि वर्तमान सरकार सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करती है. वर्ना इसे सिर्फ और सिर्फ तुष्टीकरण की राजनीति मानी जाएगी. हम किसी की इबादत का विरोध नहीं करते. भारतीय जनता पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है..
वहीं इस पर जेएमएम के प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि इस तरह की बातें ये उठाते हैं. इनको पता होना चाहिए ये कोई नई व्यवस्था नहीं है. पुरानी विधान सभा में भी एक अलग कक्ष था जहां नमाज अदा की जाती थी. बिहार विधान सभा में भी ऐसी व्यवस्था लागू है. लेकिन इस तरीके की बातें करके धार्मिक उन्माद फैलाना बीजेपी का मुख्य एजेंडा है.
मनोज पांडे ने कहा कि ये बढ़ती कीमतों पर, महंगाई पर बात नहीं करेंगे. विधान सभा का निर्माण तो बीजेपी की पिछली सरकार में हुआ. उस समय इन लोगों ने उसका प्रावधान नहीं किया जो सवाल आज उठा रहे हैं, ये उस समय विधायक थे. इनको तो लोक सभा में भी बात उठानी चाहिए क्योंकि लोक सभा में भी एक कक्ष आवंटित है नमाज पढ़ने के लिए. पीएम मोदी से लोक सभा में मंदिर की मांग करें. ये हिंदू बनने का ढोंग करते हैं. इनका एजेंडा बस धार्मिक उन्माद फैलाओ और राज करो.
Bureau Report
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