पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शपथ ली। पंजाब के लिए ऐतिहासिक दिन, प्रदेश के पहले दलित सीएम बने, कांग्रेस की निगाहें 2022 से आगे 2024 पर।

पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शपथ ली। पंजाब के लिए ऐतिहासिक दिन, प्रदेश के पहले दलित सीएम बने, कांग्रेस की निगाहें 2022 से आगे 2024 पर।

चंडीगढ़ : 20 सितंबर को पंजाब राजभवन में पंजाब के नए मुख्यमंत्री श्री चरणजीत सिंह चन्नी जी ने मुख्यमंत्री के  पद की शपथ ली। उनके साथ दो उप  मुख्यमंत्रियों ने भी शपथ ली। सुखवीर सिंह रंधावा  और ओपी सोनी।
मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में कांगेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के सीनियर नेता राहुल गांधी जी भी उपस्थित रहे उपस्थित रहे और उन्होंने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों को बधाई दी और कांग्रेस के राज्य प्रभारी हरीश रावत, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी उपस्थित रहे और कांग्रेस के पंजाब राज्य के कई सीनियर नेता और विधायक गण उपस्थित रहे।

पंजाब में दलितों की आबादी करीब 32 से 34% के बीच में है और पंजाब में दलित रामदासिया सिख समुदाय से कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाके देश में दलितों को में बड़ा मैसेज दिया है. 

मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी पहली ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी जी ने ऐलान किया कि किसानों के बिजली की और  पानी के जो भी बकाया बिल हैं। वह सभी बिल माफ किए जाएंगे। बिल चाहे 5 लाख हो या पंद्रह लाख सभी बिल माफ किए जाएंगे और मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर किसान डूबा तो पूरा पंजाब डूब जाएगा। हम किसानों के साथ में है और किसानों को नहीं डुबने देंगे और पंजाब के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से तीन कृषि काले कानूनों को वापस लेने की मांग की है केंद्र सरकार तुरंत प्रभाव से तीनों कृषि काले कानूनों को वापस ले। पंजाब के सीएम ने कहा कि पूरी तरीके से पंजाब सरकार और कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है और किसानों की हर संभव मदद करेंगे ताकि पंजाब का किसान पहले की तरह खुशहाल बन सके। अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की पंजाब के सरकारी कर्मचारियों की 15% सैलरी में भी इजाफा किया है। प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा कि बिजनेस करने वाले मुझसे दूर रहें। मैं गरीब, मजदूर, किसान, रिक्शा, चालक, टैक्सी चलाकर और खेत खलिहान मजदूरों का नुमाइंदा हूं।

चरणजीत सिंह चन्नी ने अपना राजनीतिक कैरियर खरड़ मुंसिपल काउंसलर की तौर पर शुरू किया था। उसके बाद में पहली बार 2007 में वह निर्दलीय विधायक बने। उसके बाद में उन्होंने 2011 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की। फिर वह कांग्रेस पार्टी के टिकट पर 2012 और 2017 में चुनाव जीते। 2017 चुनाव से पहले 2016 में उनको कांग्रेस पार्टी पंजाब विधायक दल का सीएलपी लीडर भी बनाया गया था। 
पंजाब के पहले दलित विधायक हैं, जिनको पंजाब का मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य मिला है, पंजाब के सभी। दलितों के लिए बहुत सम्मान की बात है। पंजाब में करीब 32 से 34% के आसपास दलित मतदाता है। कांग्रेस पार्टी ने एक दलित विधायक को पंजाब का मुख्यमंत्री बना कर एक बहुत बड़ा। साफ संदेश दिया है , 
चरणजीत सिंह चन्नी ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर भी टेक्निकल एजुकेशन मंत्री के तौर पर बहुत बेहतरीन काम किया। उनके काम से सभी प्रभावित है । पंजाब में पिछले विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने नशे के खिलाफ मुहिम चलाई थी। जवानी संभाल, उन्होंने साइकिल यात्रा की थी पूरे पंजाब की और हजारों नौजवानों को साइकिलें बांटी थी और युवाओं को नशे से दूर रहने की प्रेरणा दी थी।

भारतीय मीडिया में कुछ दलित विरोधी मानसिकता के टीवी चैनल पिछले 2 दिनों से यह खबर चला रहे हैं किसी पॉलिटिकल पार्टी के इशारों पर की चरणजीत सिंह चन्नी को सिर्फ दलितों के वोट लेने के लिए मुख्यमंत्री बनाया है। ऐसा नहीं है, चरणजीत सिंह चन्नी बहुत पढ़े-लिखे साफ छवि के ईमानदार लीडर हैं और उनको भविष्य के एक नेता के तौर पर स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री बनाया है। काफी लोगों का मानना है कि 2022 में अगर कांग्रेस पार्टी पंजाब का चुनाव जीतती है तो पंजाब का मुख्यमंत्री चन्नी को ही दोबारा  फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। ऐसा कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है।
रिपोर्ट रमेश चंद सैनी।

Bureau Report

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