रात में मरीज बनकर दिल्ली की सीजीएचएस डिस्पेंसरी में पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, डॉक्टर भी नहीं पहचान सके

रात में मरीज बनकर दिल्ली की सीजीएचएस डिस्पेंसरी में पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, डॉक्टर भी नहीं पहचान सके

नईदिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया चिकित्सा सुविधा का निरीक्षण करने के लिए मंगलवार की देर रात साउथ एवेन्यू स्थित सीजीएचएस (केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना) के डिस्पेंसरी में सामान्य मरीज बनकर पहुंच गए। उन्होंने चेहरे में मास्क लगा रखा था। साथ में अधिकारी भी नहीं थे। इस वजह से ड्यूटी पर मौजूद डाक्टर उन्हें पहचान नहीं पाए लेकिन डाक्टर ने ठीक से उनकी बातें सुनकर दवाएं दी और उनके सवालों के जवाब भी दिए। लिहाजा स्वास्थ्य मंत्री ने निरीक्षण के दौरान डिस्पेंसरी में ड्यूटी पर मौजूद (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) डा. अरविंद कुमार को बृहस्पतिवार को मंत्रालय में बुलाकर प्रोत्साहन पत्र दिया। साथ ही ट्वीट कर उनके कार्यों की तारीफ की।

उन्होंने कहा है कि सीजीएचएस डिस्पेंसरी में सेवा की व्यवस्था परखने के लिए वह एक सामान्य रोगी बनकर दिल्ली के एक डिस्पेंसरी में पहुंचे। उन्हें खुशी है कि ड्यूटी पर मौजूद सीएमओ ने उनसे बहुत अच्छे ढंग से बातचीत की। उनका सेवा भाव अपेक्षित व्यवहार के अनुकूल था। डा. अरविंद कुमार की कर्तव्यनिष्ठा और सेवा भाव प्रेरित करने वाला है। यदि देश के सभी डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मी इसी संवेदना के साथ इलाज करें तो हम सब मिलकर स्वस्थ भारत का सपना पूरा कर पाएंगे।

मनसुख मांडविया रात करीब 11 बजे सामान्य मरीज बनकर डिस्पेंसरी में पहुंचे थे। उन्होंने डा. अरविंद कुमार से अपना नाम अनिल रादडिया बताया, ताकि वह उन्हें पहचान न सकें। डा. अरविंद कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मास्क पहने हुए थे। इस वजह से उन्हें पहचान नहीं पाए। वह पहुंचते ही बोले कि क्या आप डाक्टर हैं? डा. अरविंद कुमार ने हां में जवाब दिया।

इसके बाद मनसुख मांडविया ने कहा कि उन्हें बुखार, हल्की खांसी व गले में थोड़ी परेशानी है। इसलिए उन्हें दिखाना है। डाक्टर ने उन्हें देखने के बाद दवाएं दी। बाद में मनसुख मांडविया ने डाक्टर से पूछा कि क्या यहां सभी को दवा दी जाती है। डाक्टर ने कहा कि इमरजेंसी में हर मरीज को दवा दी जाती है। कोई भी मरीज हो एक जैसा ही इलाज किया जाता है। सीजीएचएस के लाभार्थी मरीजों का इलाज तो होता ही है, इमरजेंसी में किसी सामान्य मरीज को भी इलाज से नहीं करते। करीब आधे घंटे रुकने के बाद स्वास्थ्य मंत्री वापस चले गए। बुधवार को डाक्टर के पास मंत्रालय से फोन आया कि रात में इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्री उनके पास पहुंचे थे। डा. अरविंद कुमार मूलरूप से बिहार के जमुई जिले के रहने वाले हैं।

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री ने सफदरजंग अस्पताल की इमरजेंसी ब्लाक में भी औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान मंत्रालय के पांच से सात अधिकारियों ने भी सामान्य मरीज बनकर चिकित्सा सुविधाओं का निरीक्षण किया था।

Bureau Report

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