नईदिल्ली: अफगानिस्तान के हर रोज बदलते हालात पर पूरी दुनिया की नजरे लगी हुई हैं। रायटर्स के मुताबिक तालिबान की तरफ से ये दावा किया गया है उसने पंजशीर के आखिरी इलाके को भी अपने विरोधी गुट अहमद मूसद और पूर्व उप-राष्ट्रपति अमिरुल्लाह सालेह की फौज से जीत लिया है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें पंजशीर के गेट पर तालिबानी आतंकियों को खड़े हुए दिखाया जा रहा है। इनके पीछे तालिबान का झंडा भी लगा है।
एएफपी का कहना है कि विरोधी गुट को इस लड़ाई में जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ा है। इसके बाद अहमद शाह मसूद की तरफ से तालिबान को बातचीत का प्रस्ताव दिया गया था। अपुष्ट खबरों में ये भी सामने आ रहा है कि तालिबान ने अब उनके इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
वहीं अलजजीरा के हवाले से एएनआइ की एक खबर में कहा गया है कि तालिबान विरोधी गुट ने रविवार को दावा किया था कि उन्होंने तालिबान के कई आतंकियों को पकड़ लिया है। नेशनल रेजिसटेंस फ्रंट के मुताबिक इन आतंकियों ने ख्वाक पास में सरेंडर कर दिया है। पंजशीर के ताजा हालात इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि तालिबान विरोधी गुट की परेशानियां बढ़ने वाली हैं।
आपको बता दें कि तालिबान ने इस पंजशीर की जंग के शुरुआती दौर में ही अहमद मसूद के सामने हथियार डालने और बातचीत करने का प्रस्ताव दिया था। इतना ही नहीं तालिबान की तरफ से यहां तक कहा गया था कि वो अपनी भावी सरकार में उन्हें बड़ा पद देने तक को तैयार हैं। लेकिन तालिबान ने हथियार डालने से साफ इनकार कर दिया था।
गौरतलब है कि मसूद के साथ अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति अमिरुल्ला सालेह की फौज भी शामिल थी। सालेह ने अपने बयानों में ये साफ किया है कि वो किसी भी सूरत में तालिबान के आगे हथियार नहीं डालेंगे और अंतिम समय तक जंग लड़ेंगे। डेली मेल में सालेह का लिखा एक लेख भी प्रकाशित हुआ है जिसमें उन्होंने 14-15 अगस्त की रात का जिक्र किया है। इसमें उन्होंने यहां तक लिखा है कि तालिबान को उनका सिर चाहिए। 15 अगस्त को ही तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था।
Bureau Report
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