छत्तीसगढ़ के कवर्धा शहर में मंगलवार को दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा निकाली गई एक रैली के दौरान हिंसा भड़कने के बाद धारा 144 लागू कर कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके अलावा मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने कवर्धा में देर रात करीब 12 बजे इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। इसके बाद पड़ोसी जिलों बेमेतरा और राजनांदगांव में भी इंटरनेट बंद करा दिया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, कवर्धा में उपद्रव फैलाने और तोड़फोड़ करने के आरोप में लगभग 70 लोगों की पहचान की गई है। साथ ही 59 लोगों को गिरफ्तार किया गया। वीडियो फुटेज के आधार पर और लोगों की पहचान की जा रही है। भीड़ को तितर-बितर करने के दौरान कुछ पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आईं। जिन्होंने घरों और दुकानों पर पथराव किया और कुछ वाहनों में तोड़फोड़ की उन पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
कबीरधाम कलेक्टर रमेश शर्मा ने कहा कि जिले के मुख्यालय शहर में एक मुख्य मार्ग से धार्मिक झंडे हटाने को लेकर दो समुदायों के लोगों के बीच झड़प के दो दिन बाद निकाली गई रैली के लिए प्रशासन द्वारा कोई अनुमति नहीं दी गई थी।
दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा निकाली गई रैली के दौरान हिंसा भड़कते ही सुबह करीब 11:30 बजे कर्फ्यू लगा दिया गया, लेकिन आधे घंटे के भीतर ही स्थिति पर काबू पा लिया गया। कोई नागरिक घायल नहीं हुआ, जबकि कुछ पुलिसकर्मियों को चोटे लगी हैं।
उन्होंने कहा कि रैली की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि रविवार की झड़प के बाद शहर में सीआरपीसी की धारा 144 (एक स्थान पर पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध) लागू थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और अब तक करीब 40 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। जैसे ही रैली दूसरे समुदाय के लोगों के बड़े पैमाने पर बसे हुए क्षेत्रों में पहुंची, यह हिंसक घटना हो गई। उन्होंने बताया कि भीड़ ने घरों और दुकानों पर पथराव किया और सड़क पर खड़े वाहनों में तोड़फोड़ की।
अधिकारी ने बताया कि उपद्रवियों ने कुछ घरों में घुसने की कोशिश की लेकिन शहर में निषेधाज्ञा के मद्देनजर बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया। उन्होंने बताया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
Bureau Report
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