नईदिल्ली: टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तरफ से बिजली के खंभों के जरिए 5G नेटवर्क पहुंचाने की प्लानिंग की जी रही है। इसे लेकर ट्राई ने बुधवार को दूरसंचार नेटवर्क 5G को इंस्टॉल करने के लिए बिजली के खंभों और बस स्टॉप जैसे स्ट्रीट फर्नीचर के इस्तेमाल की संभावना पर लोगों की राय मांगी गई है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा कि सार्वजनिक स्ट्रीट फर्नीचर के उपयोग से नए और बड़े मोबाइल टावरों और फाइबर की जरूरत खत्म हो जाएगी। ट्राई की तरफ से इस मामले में अपना सुझाव देने के लिए अंतिम तिथि 20 अप्रैल और काउंटर सुझाव देने के लिए 4 मई की तारीख निर्धारित की है।
क्या होगा फायदा?
मोबाइल टावरों और फाइबर की जगह बिजली खंभों के इस्तेमाल से 5G नेटवर्क को इस्टॉल करने में कम लागत आएगी। साथ ही 5G नेटवर्क और सर्विस को शुरू करने में कम वक्त लगेगा। वही देश के ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों तक आसानी से 5G नेटवर्क पहुंचाया जा सकेगा। रिपोर्ट की मानें, तो स्ट्रीट फ़र्नीचर तक पहुंच प्रदान करने से देश में 5G छोटे सेल की तैनाती में एक अहम बाधा दूर हो सकती है। इसके अलावा mmWave 5G बैंड को पहुंंचाना आसान हो जाएगा। बता दें कि mmWave 5G बैंड से सबसे तेज 5G नेटवर्क उपलब्ध कराए जा सकते हैं। लेकिन इनका कवरेज कम होता है।
बिजली के खंभे से 5G पहुंचाने की तकनीक विकसित होने पर 5G स्पीड में तेजी आएगी। साथ ही बिजली के खंभें, स्ट्रीट लाइट के साझा इंफ्रास्ट्रक्चर के उपयोग से अन्य सेक्टर जैसे नगर निगम की आमदनी में इजाफा होने की उम्मीद है। ट्राई ने कहा कि यूजर्स के बीच स्ट्रीट फर्नीचर साझा करने, राज्य बिजली कानूनों के तहत बिजली आपूर्ति के लिए आवश्यक अनुमति, छोटे सेल परिनियोजन के लिए छूट या थोक अनुमति आदि जैसे मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता है।
Bureau Report
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