नईदिल्ली: मां आखिर मां होती है चाहे वह भिखारिन ही क्यों ही ना हो। पश्चिम बंगाल के नादिया जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक लड़का स्कूटी खरीदना चाहता था और इसके लिए उसके पास पैसे नहीं थे तो उसने अपनी मां से पैसे मांगे। उसने अपनी मां से कहा कि स्कूटी चलाना उसका सपना है। इसके बाद उसकी मां ने ठान लिया कि वह अपने बेटे के लिए स्कूटी जरूर खरीदेगी।
दरअसल, यह महिला एक भिखारिन है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला पश्चिम बंगाल के नादिया जिले का है। जब बेटे ने अपनी मां से स्कूटी के लिए कहा तो अगले दिन से ही मां ने भीख मांगना शुरू कर दिया। थोड़े ही दिन में उसने करीब अस्सी हजार रुपये इकट्ठे कर लिए और बेटे को दे दिए। आश्चर्य की बात यह है कि यह सभी रुपये सिक्के में थे।
भिखारिन का बेटा इन सिक्कों को बाल्टी में भरकर स्कूटी के शोरूम में पहुंचा। वहां के कर्मचारी इन रुपयों को देखकर हैरान रह गए क्योंकि उन्होंने शायद पहली बार देखा था कि इतने रुपये सिक्कों में लेकर कोई उनके पास पहुंचा है। इतना ही नहीं उस लड़के के कई दोस्त भी हैरान थे कि इतने कम समय में उसकी मां को अस्सी हजार रुपये भीख में मिल गए।
भिखारिन का बेटा इन सिक्कों को बाल्टी में भरकर स्कूटी के शोरूम में पहुंचा। वहां के कर्मचारी इन रुपयों को देखकर हैरान रह गए क्योंकि उन्होंने शायद पहली बार देखा था कि इतने रुपये सिक्कों में लेकर कोई उनके पास पहुंचा है। इतना ही नहीं उस लड़के के कई दोस्त भी हैरान थे कि इतने कम समय में उसकी मां को अस्सी हजार रुपये भीख में मिल गए।
फिलहाल उस लड़के ने स्कूटी खरीद ली और अपना सपना पूरा किया। यह पहला मामला नहीं जब किसी भीख मांगने वाले को इतने वैसे मिले हैं कई बार तो भिखारी का हुलिया देखकर लोगों को अंदाजा नहीं होता कि जिस भिखारी को हमने पैसे दिए उसके पास क्या होगा और कितना पैसा होगा। लेकिन इन लोगों के पास इतने पैसे निकल आते हैं कि लोग हैरान रह जाते हैं।
Bureau Report
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