नईदिल्ली: सीतापुर जेल में बंद आजम खान की समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराजगी की खबरों बीच कल कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने उनसे मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद प्रमोद कृष्णम ने आजम खान के हालात का वर्णन एक पुराने शेर से किया। उन्होंने कहा कि आजम खान से बहुत सी बातें हुईं। उनको सार्वजनिक करना मुनासिब नहीं लेकिन इतना कह सकता हूं कि उन्हें देखकर मुझे लगा कि- 'एक-दो जख्म नहीं, पूरा जिस्म है छलनी...।'
प्रमोद कृष्णम ने कहा, ‘मेरे और उनके बीच में जो बात हुई मुझे नहीं लगता कि उसे बताना ज्यादा मुनासिब होगा। लेकिन कह सकता हूं कि हमारे बीच देश के राजनीतिक हालात, मुल्क के मुस्तकबिल, भारत के भविष्य पर बात हुई। यूपी में जिस तरह नफरत की सियासत हो रही है उस पर बात हुई। उन्होंने अपने ऊपर जो जुल्म हुए हैं उन्हें बताया। जो यातनाएं उन्हें दी जा रही हैं उन्हें बताया। दो साल से ज्यादा हो गया है। आजम खान जैसे कद्दावर नेता को जिस तरह के मुकदमों में जेल में रखा गया है, मुझे शर्म आती है अपने यहां के लोकतांत्रिक ढांचे पर। जो इंसान संसद का सदस्य रहा है। भारत की राजनीति का एक अहम हिस्सा रहा है। कितनी बार मिनिस्टर, कितनी बार एमएलए रहा है, कितने लोगों की खिदमत की है। मुझे आज आजम खान को देखकर बहुत अफसोस हुआ। जिस तरह से उन्हें जेल में रखा गया है, मुझे बहुत दु:ख हुआ।’
छोटा सा कमरा है, टाट का बिछौना
प्रमोद कृष्णम ने जेल में आजम खान के हालात का वर्णन करते हुए कहा कि एक छोटा सा कमरा है। न उसमें कोई चारपाई, न खाट, न तख्त, न कोई अच्छा बिस्तर, न उसमें कोई गद्दा, फोम का गद्दा भी नहीं, जूट का गद्दा भी नहीं। टाट का एक बिछौना है। दरी है। गंदा सा फर्श है और उसी के पास एक खुला बाथरूम है। इसके अलावा आसपास के बैरक में पूरी तरह सन्नाटा है। वहां कोई नहीं है। बहुत दु:ख हुआ, तकलीफ हुई।
प्रमोद कृष्णम ने सीएम योगी से की अपील
प्रमोद कृष्णम ने कहा कि ‘मैं यूपी के मुख्यमंत्री से अपील करना चाहता हूं कि यह ठीक नहीं है। राजनीतिक विरोधी को निजी दुश्मन मानना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। यह मानवता के खिलाफ है। जिस प्रदेश का मुख्यमंत्री एक साधु हो वहां किसी शरीफ आदमी के साथ ऐसा बर्ताव हो, यह ठीक नहीं है। मैं दरखास्त करता हूं कि आजम खान पर जो झूठे-फर्जी मुकदमे लगाए गए हैं उन्हें हटाया जाए। क्या यह सोचा जा सकता है कि आजम खान जैसा इंसान बकरी, मुर्गी, किताबें चुरा सकता है। आजम खान मिनिस्टर हैं और गाड़ी से उतारकर शराब के ठेके से शराब की बोतल चुरा सकते हैं। यह क्या है? क्या यह संभव है? आजम खान पर जो मुकदमे लगाए गए हैं। इन मुकदमों में दो साल से ज्यादा हो गया लेकिन जमानत नहीं होने दी जा रही है। एक साल ज्यादा उन्हें कोरोना में बीत गया। शुगर हो गया है। उनका इलाज चल रहा है। उनके दांत में दर्द है। बेहद तकलीफ है। उनसे मिलकर मुझे बहुत दु:ख हुआ।’
सपा से उम्मीदों पर फिरा पानी
प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मुझे लगता है कि आजम खान पर जब यह संकट आया तो उन्हें उम्मीद थी कि सपा उनका साथ देगी। लेकिन वह यह भूल बैठे थे कि सपा ने जब नेताजी के साथ ही अच्छा सलूक नहीं किया तो आजम खान साहब के साथ क्या अच्छा सलूक होगा। इसी का नतीजा है कि उन्होंने सपा नेताओं से मिलने से इनकार कर दिया। जब इंसान का दिल दुखता है, मुसीबत आती तो उसे उम्मीद होती है कि मेरे जो अपने हैं वो मेरा साथ देंगे। लेकिन आजम खान को लगता है कि सपा ने मुसीबत के वक्त उनका साथ नहीं दिया। उनके दिल को यह तकलीफ पहुंची है।
अखिलेश की बातों का अब कोई मतलब नहीं
प्रमोद कृष्णम ने कहा कि उनके और आजम खान के बीच काफी बातें हुई हैं लेकिन उनको सार्वजनिक करना मुनासिब नहीं है। अखिलेश अब जो कह रहे हैं या कहेंगे अब उसके कोई मायने नहीं हैं। आजम खान को दो साल हो गया जेल की कोठरी में सपा ने कितने धरने-प्रदर्शन किए। एक बयान तो बताएं। आजम खान बहुत बड़े नेता हैं। उनपर जो जुल्म हुआ है। जो जुल्म सहा है उन्होंने, वो खुद महसूस करते हैं। यदि ये बात सच न होती तो वे अपनी पार्टी के नेताओं से इनकार क्यों करते?
आजम चाहते थे हो जाती सपा नेताओं की मुलाकात
कांग्रेस नेता ने कहा कि आजम खान जिससे मिलना चाहते हैं उससे मुलाकात हो सकती है। वे जिससे नहीं मिलना चाहते प्रशासन उसकी मुलाकात नहीं करा सकता। मैनें भी जिला प्रशासन और जेल प्रशासन को फोन किया। उन्होंने आजम खान से पूछकर बताया और मुझे सूचित किया। तय समय पर मैं गया और मुलाकात हो गई। मुझे लगता है कि मुलाकात पर सपा नेता झूठ बोल रहे हैं। गौरतलब है कि रविवार को जेल में मुलाकात करने गए सपा नेताओं से आजम खान ने मिलने से इनकार कर दिया था। इस पर सपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि आजम खान तो मिलना चाहते थे प्रशासन ने उन्हें मिलने नहीं दिया। प्रमोद कृष्णम ने कहा कि ये तो आजम खान ही जेल से बाहर आने के बाद ही बता सकते हैं कि उन्हें सपा से क्या-क्या उम्मीदें थीं जिन पर पानी फिर गया लेकिन मुझे उनकी हालत देखकर ऐसा लगा कि-‘एक-दो जख्म नहीं पूरा जिस्म ही छलनी है…’
Bureau Report
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