पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलने के लिए तैयार हैं। उन्होंने खुद ही मुलाकात की घोषणा ट्वीट के जरिए की थी। खास बात है कि दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात ऐसे समय पर होने जा रही है जब सिद्धू कांग्रेस आलाकमान की तरफ से नाराजगी और पार्टी नेताओं के विरोध का सामना कर रहे हैं।
सिद्धू पहले ही कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते संभावित रूप से अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। इधर, पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी ने कमेटी से उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने की सिफारिश की है। चौधरी ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है कि उन्होंने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की तरफ से लिखित नोट मिला है।
चौधरी ने बताया है कि वडिंग ने अपने पत्र में इस बात पर जोर दिया है कि पूर्व क्रिकेटर और टीवी हस्ती को खुद को ‘पार्टी से ऊपर’ नहीं दिखाना चाहिए। इससे पहले ‘पार्टी विरोधी टिप्पणियों’ के चलते कांग्रेस ने पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ को भी सभी पदों से हटा दिया था। खास बात है कि सिद्धू को लेकर शिकायत AICC की अनुशासन समिति को भेजी गई है, लेकिन सभी सदस्यों के उपलब्ध नहीं होने के चलते इसे रद्द कर दिया गया था।
रिपोर्ट में कांग्रेस सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सिद्धू ने अपनी बैठक को लेकर वडिंग को जानकारी नहीं दी थी। सूत्रों ने सीएम मान के साथ कांग्रेस नेता की इस बैठक पर सवाल उठाए हैं और दावा किया है कि यह प्रदेश के नेतृत्व को कमजोर कर रही है।
हाल ही में एक ट्वीट में सिद्धू ने मान को ईमानदार बताया था। वहीं, इसके बाद उन्होंने ड्रग पैडलर्स का एक वीडियो साझा कर राज्य सरकार पर सवाल उठाए थे। रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘ये सब माइंड गेम्स हैं। पार्टी को कन्फ्यूज किया गया है। शायद यह उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई से पहले आलाकमान पर दबाव डालने का प्रयास है।’
इसके अलावा हाल ही में सिद्धू ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से भी दिल्ली में मुलाकात की थी। इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी थी कि वह किशोर के साथ सियासी गठबंधन में शामिल हो सकते हैं।
Bureau Report
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