नई कार या चमचमाती बाइक खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो अपना बजट बढ़ा लीजिए. लागत मूल्य में इजाफे का हवाला देकर जहां वाहन निर्माता साल में 2-3 बार वाहनों के दाम बढ़ा रहे हैं, वहीं अब आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी रेपो रेट बढ़ा दिया है और ब्याज दर में 40 bps (बेसिक पॉइंट्स) का इजाफा किया गया है. इससे लोन पर खरीदे जाने वाले वाहनों की किस्त ग्राहकों को महंगी पड़ेगी. मतलब साफ है कि आम आदमी के लिए अब बाइक या कार खरीदना पहले से महंगा हो गया है.
ऑटोमोटिव जगत में चिंता
रेपो रेट बढ़ने की खबर से कई सेक्टर्स प्रभावित होने वाले हैं, लेकिन ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की चिंता कुछ ज्यादा बढ़ी हुई है. फाडा के प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी ने कहा, “RBI द्वारा रेपो रेट 40 bps बढ़ाए जाने से सबके लिए ऑटो लोन लेना महंगा हो गया है. लंबे वेटिंग पीरियड के चलते जहां पैसेंजर वाहन सेगमेंट ये झटका झेल सकता है, वहीं टू-व्हीलर सेगमेंट ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन ना कर पाने की वजह से और टू-व्हीलर्स की कीमत बढ़ जाने के बाद अब रेपो रेट बढ़ने से इनके लिए लोन लेना भी अब महंगा हो गया है.”
क्या होता है रेपो रेट?
रेपो रेट आरबीआई द्वारा कमर्शियल बैंक्स को दी जाने वाली राशि है. इसमें बढ़ोतरी का मतलब है ब्याज दर में इजाफा जो लोगों की ईएमआई को पहले से ज्यादा बढ़ा देगा. पिछली बार अगस्त 2018 में रेपो रेट बढ़कर 4 फीसदी था जिसे अब करीब 4 साल बाद 4.40 प्रतिशत किया गया है.
क्या होता है रिजर्व रेशो?
जैसे रेपो रेट आरबीआई द्वारा कमर्शियल बैंक्स को दी जाने वाली राशि है, वैसे ही कैश रिजर्व रेशो यानी सीआरआर वो राशि होती है जो कमर्शियल बैंक्स द्वारा सेंट्रल बैक को दी जाती है. सीआरआर जितना ज्यादा होगा बैंक्स आम लोगों पर उतना ही कम बोझ डालेंगे. बता दें कि बुधवार को सीआरआर में भी 50 बेसिक पॉइंट्स का इजाफा हुआ है जिसके बाद ये 4.50 फीसदी हो गया है.
Bureau Report
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