पंजाब में कांग्रेस को और दर्द देंगे सुनील जाखड़, कुछ नेताओं की करा सकते हैं भाजपा में एंट्री

पंजाब में कांग्रेस को और दर्द देंगे सुनील जाखड़, कुछ नेताओं की करा सकते हैं भाजपा में एंट्री

पंजाब: कांग्रेस के सीनियर नेता रहे सुनील जाखड़ को पार्टी में शामिल करा भाजपा ने पंजाब की सियासत में बड़ा दखल दिया है। यही नहीं अब पार्टी ने कुछ और नेताओं पर डोरे डालना शुरू कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के दो सीनियर नेताओं की भी भाजपा लीडरशिप से बातचीत चल रही है और जल्दी ही वे भगवा का हिस्सा हो सकते हैं। संगरूर लोकसभा सीट पर उपचुनाव से पहले यह पाला बदल हो सकता है। इस सीट से पंजाब के सीएम भगवंत मान सांसद थे और मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने यहां से इस्तीफा दे दिया था। फिलहाल उपचुनाव की तारीख तय नहीं हुई है। 

इन नेताओं के करीबी सूत्रों ने कहा कि फिलहाल भाजपा से बातचीत चल रही है। कांग्रेस के एक सीनियर ने कहा, ‘पंजाब कांग्रेस की ओर से खुद को मजबूत करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बाद भी कुछ नेता हैं, जो अब अपना राजनीतिक भविष्य कांग्रेस में नहीं देखते हैं और वे विकल्पों की तलाश में जुटे हैं। इनमें कुछ पूर्व मंत्री भी हैं, जो पिछली कांग्रेस सरकार का हिस्सा थे। लेकिन अब वे पार्टी के बाहर विकल्पों की तलाश में जुटे हैं।’ वहीं भाजपा के एक नेता ने कहा कि आने वाले कुछ सप्ताह पंजाब में भाजपा के लिए अहम होंगे।

कई नेता हैं भाजपा में शामिल होने की कतार में

भाजपा नेता ने कहा कि कुछ सांसद या फिर पूर्व विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं। लेकिन यह तो समय ही बताएगा कि कितने और कौन से नेता पार्टी का हिस्सा बनते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा सुनील जाखड़ का इस्तेमाल कांग्रेस में फूट पैदा करने में कर सकती है। बीते सप्ताह ही सुनील जाखड़ ने कांग्रेस से 5 दशकों का नाता तोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। वह कई महीनों से उपेक्षित चल रहे थे और पार्टी ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए किसी भी पद पर न रहने का आदेश दिया था। 

कांग्रेस में फूट पैदा कर क्या पाना चाहती है भाजपा

इस बीच पंजाब कांग्रेस के मुखिया अमरिंदर राजा वडिंग ने पार्टी नेताओं के छोड़कर जाने के कयासों को खारिज किया है। दरअसल भाजपा की कोशिश है कि वह 2024 के आम चुनाव से पहले पंजाब में खुद को मजबूत कर ले ताकि एकाध सीट पर जीत हासिल कर सके। खासतौर पर कांग्रेस के नेताओं में उसे संभावना दिख रही है, जो विधानसभा चुनाव में हार के बाद से विकल्पों की तलाश में जुटे हैं।

Bureau Report

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