देश में सक्रिय चरमपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक कार्यकर्ता को केरल में हिंदू और ईसाई समुदायों के लोगों के खिलाफ एक बच्चे से नफरत के नारे लगाते हुए वायरल वीडियो के संबंध में हिरासत में लिया गया है। वह शनिवार को केरल के अलपुझा जिले में पीएफआई द्वारा आयोजित एक विशाल रैली में बच्चे को लेकर आया था तथा बच्चे से नारे लगवाए गए।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला विवादों में आ गया। वीडियो में हिंदुओं और ईसाइयों के खिलाफ विवादित नारे लगाए गए थे। कट्टरपंथी इस्लामी समूह ने अपने ‘गणतंत्र बचाओ’ अभियान के तहत विशाल रैली का आयोजन किया था। पीएफआई की रैली से कुछ घंटे पहले राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं ने शौर्य रैली निकाली और कहा कि देश को देशद्रोही और आतंकवादियों के हवाले नहीं किया जा सकता।
पुलिस ने नाबालिग लड़के को अन्य धार्मिक समूहों के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाने के लिए प्रेरित करने के लिए अलपुझा के जिला अध्यक्ष नवास वंदनम और जिला सचिव मुजीब और रैली के दौरान बच्चे को पकड़ने वाले एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया।
घटना के बाद, केरल बाल अधिकार आयोग ने एक मामला दर्ज किया और सात दिनों के भीतर अलपुझा जिला पुलिस प्रमुख से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी। इस बीच, पीएफआई नेता और रैली के आयोजन संयोजक याहिया थंगल ने कहा कि वह भारत को लोकतंत्र के लिए कब्रगाह में बदलने के आरएसएस के एजेंडे का विरोध करना जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा,”आरएसएस के खिलाफ हमारा अभियान जारी रहेगा और इस तरह की एक और रैली कोझिकोड में छह अगस्त को होगी।” उन्होंने कहा, “हम आरएसएस के एजेंडे को स्वीकार नहीं करेंगे कि मुसलमानों को संघ परिवार की दया पर रहना चाहिए।”
पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमए सलाम ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे में मुसलमानों को न्याय से वंचित किया गया जो कि आरएसएस के एजेंडे का भी हिस्सा है और बाबरी मस्जिद मुद्दे पर समाप्त नहीं हो रहा है।
Bureau Report
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