महाराष्ट्र में पिछले पांच दिनों से बड़ा सत्ता संघर्ष जारी है. राज्य में शिवसेना विधायकों का शिंदे गुट और उद्धन गुट को खुद को असली शिवसेना साबित करने में लगा हुआ है. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ 40 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा किया गया है. इस बीच शिवसेना के बागी गुट के विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि हम असली शिवसेना हैं और हमारे पास दो तिहाई बहुमत है.
उद्धव ठाकरे की पार्टी मीटिंग के बाद केसरकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हम किसी पार्टी में विलय नहीं करेंगे, इसकी कोई जरूरत नहीं है. हम दो तिहाई बहुमत साबित कर सकते हैं. हम शिवसेना हैं. कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना को हाईजैक करने की कोशिश की थी. दीपक केसरकर ने कहा कि यह फैसला शिवसेना के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए लिया गया है.
मीटिंग में नहीं जाने से हमें अयोग्य नहीं घोषित किया जा सकता. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को अपनी हार स्वीकार कर लेनी चाहिए.
बता दें कि शिंदे की बगावत के बाद से दोनों पक्षों की ओर से दावे व प्रतिवाद किए जा रहे हैं. यह विवाद अब कोर्ट तक पहुंच गया है. उधर, पार्टी में फूट के कारण मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने भी पार्टी संगठन को बनाए रखने के लिए पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठकें करनी शुरू कर दी हैं. राज्य में सरकार का परिवर्तन देखना महत्वपूर्ण होगा और क्या सरकार महाविकास अघाड़ी में रहेगी.
Bureau Report
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