Free Ration Update: फ्री राशन पर बड़ी खबर, केंद्र सरकार बंद करने जा रही है मुफ्त अनाज योजना! जानिए लेटेस्ट अपडेट

Free Ration Update: फ्री राशन पर बड़ी खबर, केंद्र सरकार बंद करने जा रही है मुफ्त अनाज योजना! जानिए लेटेस्ट अपडेट

Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana update: अगर आप भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लाभार्थी हैं तो आपक लिए बड़ी खबर है. अब सरकार इस योजना को बंद कर सकते हैं. दरअसल, विभाग ने इसके लिए सुझाव दिया है, जिसके बाद सरकार अब इस योजना को बंद करने की प्लानिंग कर रही है. 

दरअसल, कोरोना काल में देश में गरीब परिवारों के आय का साधन खत्म हो गया था. ऐसी स्थिति में सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत मुफ्त अनाज की सुविधा शुरू की थी, जो सितंबर के बाद बंद हो सकती है. वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले व्यय विभाग ने सरकार को यह सुझाव दिया है कि इस योजना को सितंबर से आगे नहीं बढ़ाया जाए.

क्या कहा विभाग ने?

व्यय विभाग का कहना है, ‘यह योजना देश पर वित्तीय बोझ बहुत ज्यादा बढ़ा रही है. यह देश की वित्तीय सेहत के लिए भी ठीक नहीं है. पिछले महीने पेट्रोल-डीजल पर ड्यूटी कम करने से करीब 1 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ राजस्व पर पड़ा है अगर आगे राहत दी गई तो वित्तीय बोझ और बढ़ेगा. अब महामारी का प्रभाव कम हो गया है तो मुफ्त राशन की योजना को बंद किया जा सकता है.’

सरकार पर बढ़ रहा है बोझ

विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, कोरोना महामारी के बाद से सरकार ने फूड सब्सिडी पर बहुत ज्यादा खर्च किया है. इसके तहत फिलहाल देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन दिया जा रहा है. इस योजना से भले ही लोगों को राहत मिली है लेकिन सरकार के ऊपर बोझ बहुत ज्यादा बढ़ गया है. ऐसे में व्यय विभाग का कहना है कि अगर इस योजना को और 6 महीने और बढ़ाया गया तो फूड सब्सिडी का बिल 80,000 करोड़ रुपये और बढ़कर करीब 3.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. यह खर्चा सरकार को बड़ी मुसीबत में डाल सकता है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस साल मार्च में इस योजना को सितंबर, 2022 तक बढ़ा दिया था. सरकार ने बजट में भी फूड सब्सिडी के लिए 2.07 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है. 

कितना रहा राजकोषीय घाटा?

गौरतलब है कि अगले बजट में देश का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी का 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इस पर व्यय विभाग का कहना है कि यह ऐतिहासिक मानकों से बहुत अधिक है, जबकि राज्यों का राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत रह सकता है. यानी सरकार के ऊपर पहले ही बहुत ज्यादा बोझ है, ऐसे में फ्री अनाज को और एक्सटेंड करना घटक साबित हो सकता है.

Bureau Report

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*