झारखंड के दुमका में अंकिता राज हत्याकांड मामले को उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले से जुड़ी फाइलों के साथ डीजीपी और मुख्य सचिव को भी तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि दुमका हत्याकांड के बाद झारखंड के कई जिलों में उबाल है। कई संगठन अंकिता की हत्या के आरोपी शाहरुख को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया है। वहीं, निर्दलीय विधायक सरयू राय ने अंकिता हत्याकांड पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे दोषियों को चौराहे पर गोली मार देनी चाहिए।
FSL की टीम घटनास्थल पर पहुंची
झारखंड सीआईडी के डीएसपी संदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि हमारे साथ फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की टीम, फिंगर प्रिंट ब्यूरो की टीम और सीआईडी की टीम है। हम साक्ष्य एकत्रित कर रहे हैं। जल्द से जल्द साक्ष्य इकट्ठा कर कोर्ट को सौंपा जाएगा। वहीं इस मामले में एसडीपीओ के नाम को लेकर बवाल मच गया था, जिसके बाद एसडीपीओ नूर मुस्तफा को जांच से हटा दिया गया है।
इस तरह से घटना को दिया था अंजाम
बता दें कि, 23 अगस्त को एकतरफा प्यार में पड़ोस में रहने वाले एक शख्स ने छात्रा पर पेट्रोल छिड़क कर उसे आग के हवाले कर दिया था। घटना के वक्त वह घर में सो रही थी। यह हमला मंगलवार की सुबह करीब 4.30 बजे हुआ। युवती ने अपने बयान में बताया कि सुबह में आरोपी शाहरुख कमरे की खिड़की के सामने खड़ा था। वह एक ज्वलनशील तरल और एक माचिस के साथ एक कैन पकड़े हुए था।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपी ने ज्वलनशील तरल कमरे में फेंक दिया और पर्दे जला दिए। उसने और भी अधिक तरल पदार्थ कमरे के अंदर फेंक दिया ताकि वह बच न सके। नूर मुस्तफा ने कहा वह अंदर बुरी तरह से फंस गई थी। उसे उसके परिवार और पड़ोसियों द्वारा बचाया गया और उसे दुमका मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया, जिसने आकलन किया कि वह 95 फीसदी जली हुई है।
Bureau Report
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