झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी पर आयोग्यता का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में सरकार में सेंधमारी के डर से सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों को पश्चिम बंगाल या छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में शिफ्ट किया जा सकता है। शनिवार को सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर हुई महागठबंधन विधायकों की बैठक के बाद उन्हें दो बसों से दूसरी जगह ले जाया गया। इससे पहले विधायकों को अपने साथ सामान लाने को कहा गया था।
इस बीच खबर आ रही है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक होटल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, होटल के कमरे भी बुक किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि कल सुबह इन विधायकों को रायपुर शिफ्ट किया जा सकता है।
कांग्रेस ने बुलाई विधायक दल की बैठक
झारखंड में विधायकों की सेंधमारी के डर से कांग्रेस ने आज विधायक बल की बैठक बुलाई है। यह बैठक आज रात 8:30 बजे होगी। जानकारी के मुताबिक, बैठक की अध्यक्षता पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनिवाश पांडे करेंगे।
ऐसी है विधानसभा की स्थिति
झारखंड की विधानसभा में कुल 81 सीटें हैं। इसमें सोरेन के साथ 49 विधायक हैं। इनमें से 30 विधायक झामुमो, 18 कांग्रेस और एक विधायक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से है। विपक्षी दल भाजपा के पास सदन में 26 विधायक है। सत्तारूढ़ गठबंधन का दावा है कि सरकार पर कोई खतरा नहीं है।
राज्यपाल रमेश बैस लेंगे आखिरी फैसला
बताया जा रहा है कि राज्यपाल रमेश बैस राज्य में तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक के रूप में अयोग्य ठहराने के निर्वाचन आयोग के विचार पर फैसला ले सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने 26 अगस्त को बैस को अपनी राय भेजी थी। यह राय उस याचिका के संबंध में थी, जिसमें सोरेन को एक खनन पट्टे की लीज का विस्तार कर चुनावी मानदंडों का उल्लंघन करने के आरोप में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी।
Bureau Report
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