झारखंड में चुनाव आयोग द्वारा मुख्यमंत्री की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश राज्यपाल को भेजने के बाद से सियासी हलचल बढ़ गई है। राज्य में बैठकों का दौर लगातार जारी है। इस क्रम में आज सीएम हेमंत सोरेन ने सभी विधायकों की बैठक बुलाई। इस बैठक में राज्य में ताजा सियासी हालात को लेकर चर्चा हुई। वहीं सभी विधायकों के साथ मंथन करने के बाद हेमंत सोरेन नेतरहाट के लिए रवाना हो गए हैं और शाम सात बजे एक बार फिर से बैठक बुलाई है। इस बीच मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि आज शाम तक राज्यापाल कोई बड़ा फैसला सुना सकते हैं। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
हमारे सभी मंत्री रांची में ही रहेंगे: कांग्रेस
झारखंड सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता अलमगीर आलम ने कहा है कि हमें अपने विधायकों और मंत्रियों पर पूरा भरोसा है इसलिए वह रांची में ही रहेंगे। हमारे सारे विधायक यहां पर हैं और तीन कोलकाता में हैं। अगर वक्त पड़ा तो उनको भी यहां ले आएंगे। हमारा कोई दूसरा प्लान नहीं है।
क्या हैं सीएम सोरेन पर आरोप
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने इस साल फरवरी में दावा किया था कि सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग किया और खुद को खनन पट्टा आवंटित किया, यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें हितों के टकराव और भ्रष्टाचार दोनों शामिल हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। विवाद का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने मई में सोरेन को एक नोटिस भेजकर खनन पट्टे पर उनका पक्ष मांगा था।
पट्टे का स्वामित्व जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए का उल्लंघन
चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा था कि पट्टे का स्वामित्व जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए का उल्लंघन करता है, जो सरकारी अनुबंधों आदि के लिए अयोग्यता से संबंधित है। यह मामला अभी भी चुनाव आयोग के पास लंबित है। झारखंड हाई कोर्ट के समक्ष याचिका में खनन पट्टा देने में कथित अनियमितताओं और मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों से कथित रूप से जुड़ी कुछ मुखौटा कंपनियों के लेनदेन की जांच की मांग की गई थी। अदालत ने तीन जून को कहा था कि उसकी राय है कि रिट याचिकाओं को विचारणीयता के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता है और वह योग्यता के आधार पर मामलों की सुनवाई करेगा।
Bureau Report
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