दिल्ली में शराब को लेकर आप सरकार और LG के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। शनिवार को एक तरफ जहां दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई आबकारी नीति को लेकर पूर्व LG अनिल बैजल की ओर से लिए गए फैसले पर CBI जांच की मांग की। दूसरी ओर नए LG विनय कुमार सक्सेना ने करप्शन के आरोप में दिल्ली के तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्णा समेत 11 अफसरों को सस्पेंड कर दिया।
मनीष सिसोदिया ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नई आबकारी नीति को पहले पूर्व LG अनिल बैजल ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन बाद में फैसला रद्द कर दिया। इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ। यह फैसला क्यों लिया गया? मुझे उम्मीद है कि CBI इसकी निष्पक्ष जांच करेगी। इससे पहले उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने केंद्रीय जांच एजेंसी को पत्र लिखकर नई शराब नीति की जांच की सिफारिश की थी।
पूर्व एलजी ने दो बार पढ़ी पॉलिसी
सिसोदिया ने कहा कि नई नीति 2021 में लागू की गई थी, लेकिन सत्ता में बैठे कुछ लोगों ने कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए इसके एग्जीक्यूशन पर रोक लगा दी। सिसोदिया ने बताया कि पहले दिल्ली में 849 दुकानों का डिस्ट्रीब्यूशन सही नहीं था। नई नीति में पूरी दिल्ली में बराबरी पर दुकान बांटने का प्रस्ताव था।
नीति को मंजूरी देने से पहले, पूर्व एलजी ने नीति को ध्यान से पढ़ा था। उन्होंने पहले बदलाव का सुझाव दिया। फिर हमने उसे जून में संशोधन के साथ भेजा। इसे उन्होंने दूसरी बार क्लियर किया था।
नई पॉलिसी लागू होने से दो दिन पहले बदला फैसला
सिसोदिया ने दावा कि पूर्व एलजी ने पहले अनऑथराइज्ड एरिया में दुकानें खोलने पर आपत्ति नहीं की थी, लेकिन नीति लागू होने से दो दिन पहले उन्होंने अपना रुख बदल लिया और शर्त लगा दी कि अनऑथराइज्ड एरिया में शराब की दुकानें खोलने के लिए DDA और MCD से अनुमति लेनी होगी। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि पूर्व एलजी ने कैबिनेट के साथ चर्चा किए बिना अपना निर्णय बदल दिया, जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ और कुछ बड़े लोगों को फायदा हुआ।
दिल्ली में तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर समेत 11 अधिकारी सस्पेंड
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शनिवार को करप्शन के आरोप में दिल्ली के तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्णा समेत 11 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई मुख्य सचिव नरेश कुमार और सतर्कता विभाग की जांच रिपोर्ट के बाद हुई है। मुख्य सचिव ने 8 जुलाई को उपराज्यपाल और केजरीवाल को एक रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में बड़ी प्रक्रियात्मक चूक और आबकारी विभाग पर आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया के निर्देश पर अनुचित लाभ देने का भी आरोप लगाया गया था।
Bureau Report
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