अलवर के गोविंदगढ़ मॉब लिंचिंग मामले पर विवादास्पद बयान देकर भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा विवादों में घिर गए हैं। धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था। आहूजा से सोमवार दोपहर को करीब तीन घंटे तक पूछताछ हुई।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा से जांच अधिकारी डीएसपी रामगढ़ कमल मीणा ने दो घंटे तक पूछताछ की। पुलिस ने वायरल वीडियो के संबंध में कई सवाल किए। इस दौरान 57 प्रश्न किए गए। ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि मैंने कुछ गलत नहीं कहा और पुलिस के सवालों के जवाब दिए हैं। वहीं उन्होंने आगे कुछ और बताने से मना कर दिया। भाजपा नेता ने कहा कि इस मामले में जब पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी, उसके बाद इस मामले पर बोलूंगा। उन्होंने कहा कि अभी जांच और पूछताछ का खुलासा नहीं कर सकता हूं।
क्या कहा था ज्ञानदेव आहूजा ने
बता दें कि अलवर के गोविंदगढ़ में चोरी के शक में चिरंजीलाल की भीड़ ने पीटकर हत्या कर दी थी। ऐसे में कई नेता चिरंजीलाल के घर पहुंचे। भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा भी चिरंजीलाल के घर पहुंचे थे। इस दौरान उनके समुदाय विशेष को लेकर दिए गए बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि ये पहली बार हुआ है कि उन लोगों ने एक मारा है। अब तक तो पांच हमने मारे हैं। मैंने हमारे लोगों को और कार्यकर्ताओं को छूट दे रखी है। मारो, बरी भी करवा देंगे, जमानत भी करवा देंगे। कहा जा रहा है कि वो इशारों में कन्हैयालाल हत्याकांड की ओर इशारा कर रहे थे।
आरोप-वीडियो काट-छांटकर बनाई
पूछताछ के बाद एक बार फिर से ज्ञानदेव आहूजा ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि वो कभी भी मुस्लिम विरोधी नहीं रहे हैं। वो सिर्फ अपराधियों का विरोध करते हैं। बीते 30 साल की राजनीति में वो सभी वर्ग के विधायक रहे हैं। यही कारण है कि उनके घर में भारी संख्या में क्षेत्र के मेव समुदाय के लोग अपनी फरियाद लेकर आते रहे हैं। वहीं भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि वायरल वीडियो काट-छांट कर बनाई गई है।
एफएसएल रिपोर्ट के बाद चार्जशीट
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि एफएसएल टीम की रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में चार्जशीट पेश की जाएगी। वॉइस सैंपल लेने की आवश्यकता नहीं पड़ी क्योंकि ज्ञानदेव आहूजा के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर वीडियो मिल गए थे। मामले की जांच जारी है।
Bureau Report
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