राजस्थान कांग्रेस में जारी सियासी घमासान के बीच गहलोत खेमे के इस्तीफों पर कांग्रेस नेतृत्व ने नाराजगी प्रकट की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा है कि विधायकों का विधायक दल की बैठक में नहीं आना अनुशासनहीनता है। इसे लेकर कार्रवाई हो सकती है।
अजय माकन ने कहा, ‘विधायकों का विधायक दल की बैठक में न आना और अलग बैठक करना अनुशासनहीनता है, ये विधायक हमारी एक बात नहीं सुन रहे थे, हम वापस जाकर सोनिया गांधी को रिपोर्ट देंगे।
कितने विधायकों का इस्तीफा साफ नहीं
माकन ने कहा कि हम दिल्ली जा रहे हैं। हमें उम्मीद है हम बात करेंगे और हल निकालेंगे। माकन ने कहा कि प्राथमिक दृष्टि से शांति धारीवाल के घर पर हुई मीटिंग एक अनुशासनहीनता है। यह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।
माकन से कहा कि यह साफ नहीं हैं कि कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया है। रिजोल्यूशन एक लाइन का होता है। उन्होंने कहा कि कल जो कुछ भी घटनाक्रम हुआ उसका पूरा ब्योरा सोनिया गांधी को देंगे। हम विधायकों से वन टू वन बातचीत के लिए आए थे, लेकिन हमारी किसी से बात नहीं हो पाई। मुख्यमंत्री पद पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ।
बता दें, माकन व वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के रूप में जयपुर पहुंचे थे। रविवार को वे नए सीएम के चयन के लिए कांग्रेस विधायकों की राय जानने के लिए बैठक करने वाले थे, लेकिन गहलोत समर्थक विधायक बैठक में नहीं पहुंचे। इस बीच खबर आई कि 92 विधायकों ने इस्तीफा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिया है।
सशर्त प्रस्ताव कांग्रेस के इतिहास में कभी पारित नहीं हुआ
माकन ने बताया कि विधायक दल की बैठक में नहीं आना अनुशासनहीनता है। इसके साथ ही गहलोत खेमे के विधायकों द्वारा रखी गई तीन शर्तों को भी माकन ने इसे ‘हितों का टकराव‘ बताया। कांग्रेस के इतिहास में कभी इस तरह का सशर्त प्रस्ताव पारित नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के कितने विधायकों ने स्पष्ट किया है, यह अभी पता नहीं है। एक अधिकृत बैठक में नहीं आना और उसके समानांतर रूप से दूसरी बैठक बुलाना निश्चित रूप से अनुशासनहीनता है।
Bureau Report
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