चंडीगढ़ : चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में छात्राओं के वीडियो वायरल के मामले में मोहाली पुलिस की हर कहानी झूठी साबित हो रही है। पहले एसएसपी ने कहा था कि आरोपी ने केवल अपना ही वीडियो बनाया और दोस्त को भेजा। इसके बाद कोर्ट में कहा गया कि वीडियो बनाने वाली छात्रा ने खुद का और एक अन्य छात्रा का वीडियो बनाया था। वीडियो में दूसरी छात्रा का चेहरा नहीं दिख रहा है। आरोपियों को रिमांड पर लेने के लिए अदालत ने तर्क दिया कि यह अपराध काफी गंभीर श्रेणी का है। इसमें टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है। इसमें पता लगाया जाना है कि डिलीट वीडियो किसके हैं और वीडियो किसे साझा किए गए। आरोपियों के फोन फॉरेंसिक लैब भेज दिए गए हैं।
इसके बाद पुलिस ने कहा कि लड़की ने सभी वीडियो डिलीट कर दिए थे और आरोपी लड़के की तरफ से भेजे गए एक स्क्रीनशॉट से मामले का खुलासा हुआ। अब पुलिस की ये बात भी झूठी साबित हो गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार छात्रा के मोबाइल से 12 से भी अधिक वीडियो मिले हैं। आरोपी के फोन का लोकल डाटा रिकवर होने के बाद ये वीडियो सामने आए हैं।
मामले के तीनों आरोपी सात दिन के रिमांड पर भेज दिए गए हैं। सभी आरोपी पर्यटन के गढ़ शिमला के हैं। वहां पर विदेशी सैलानी भी खूब आते हैं। ऐसे में पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं इनके संबंध किसी विदेशी नेटवर्क से तो नहीं हैं, जो पोर्न वेबसाइट से जुड़ा हो।
आरोपी सन्नी छात्रा का ब्यॉयफ्रेंड है जबकि रंकेज उसका दोस्त है। आरोपियों के वकील ने अदालत के बाहर मीडिया से बातचीत में खुद कहा कि पता चला है कि वायरल करने की नीयत से एक लड़की का वीडियो बना था। यह वीडियो किसका और कहां है, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि आरोपी लड़की ने अदालत में कहा कि उसने अपना वीडियो सन्नी को भेजा है।
पुलिस आरोपियों और उनके परिवार की संपत्ति व अन्य चीजों की भी पड़ताल कर रही है। इससे पहले रविवार रात को पुलिस की टीम आरोपियों को लेकर मोहाली पहुंची। साथ ही तीनों को आमने सामने बैठाकर पूछताछ की गई जिसमें साफ हो गया कि तीनों पुराने मित्र हैं। हालांकि आरोपी छात्रा वीडियो क्यों बनाती थी, इस चीज पर जांच की सुई फंसी है।
Bureau Report
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