ऑस्ट्रेलिया में हाल के दिनों में हिंदू मंदिरों पर हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं। जिस पर ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में स्थित भारतीय उच्चायोग ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारतीय उच्चायोग ने बयान जारी कर हिंदू मंदिरों पर हमले की आलोचना की है और ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर चिंता भी जाहिर की है। उच्चायोग ने कहा है कि ‘हम मेलबर्न में तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की कड़ी आलोचना करते हैं। यह साफ तौर पर शांतिपूर्ण और बहुधर्मी भारतीय ऑस्ट्रेलियाई समाज में नफरत और बंटवारा करने की कोशिश है।’
उच्चायोग ने कहा कि ‘ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि खालिस्तान समर्थक तत्व ऑस्ट्रेलिया में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं और उन्हें घोषित आतंकी संगठनों जैसे सिख फॉर जस्टिस और ऑस्ट्रेलिया के बाहर की एजेंसियां मदद कर रही हैं। हाल के दिनों में इसमें तेजी आई है।’ भारतीय उच्चायोग ने कहा कि ‘हमने अपनी चिंताएं ऑस्ट्रेलियाई सरकार के साथ साझा की हैं। साथ ही हमने ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न, सिडनी में होने वाले सिख फॉर जस्टिस संगठन के कथित रेफरेंडम को लेकर भी अपनी चिंता ऑस्ट्रेलिया सरकार के साथ साझा की हैं।’ उच्चायोग कहा कि ऑस्ट्रेलिया सरकार से भारतीय समुदाय की सुरक्षा औऱ उनकी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है, साथ ही ऑस्ट्रेलियाई धरती पर भारत की संप्रभुता, सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को इजाजत नहीं देने की अपील की गई है।
बता दें कि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं थी। मंदिरों में तोड़फोड़ का आरोप खालिस्तान समर्थकों पर लगा था। मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे भी लिखे गए थे। मंदिर की दीवारों पर पीएम मोदी के विरोधी और आतंकी भिंडरावाला के समर्थन में नारे भी लिखे गए थे। इन घटनाओं से ऑस्ट्रेलिया के हिंदू समुदाय में भारी नाराजगी है।
उल्लेखनीय है कि खालिस्तानी अलगाववादी ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में आगामी 29 जनवरी को खालिस्तान जनमत संग्रह रैली के आयोजन की योजना बना रहे हैं। इससे पहले साल 2020 में भी अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने रेफरेंडम कराया था।
Bureau Report
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