भू-धंसाव के संकट से घिरे जोशीमठ के प्रभावित परिवारों को आश्वस्त करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दूसरी बार ग्राउंड जीरो पर पहुंचे हैं। आज बृहस्पतिवार को वह नृसिंह मंदिर पहुंचे और यहां पूजा की। भू-धंसाव के संकट का सामना कर रहे जोशीमठ में आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में दरारें आ गई हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर में विराजमान रहती है। सीएम आज यहां हालात का जायजा लेने पहुंचे हैं।
नृसिंह मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद सीएम धामी सेना, आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों, प्रभावितों और पार्टी कार्यकर्ताओं मुलाकात करनकिे लिए रवाना हुए। इसके बाद सीएम खटीमा जाएंगे।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इससे पहले बुधवार को जोशीमठ रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने राहत मरहम का एलान किया। आपदा राहत मानकों से बाहर जाकर उन्होंने बाजार दर से नुकसान की भरपाई करने की घोषणा कर प्रभावितों की कुछ हद तक चिंता दूर करने की कोशिश की है।
सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर जोशीमठ पहुंचे मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि एक-एक पल की रिपोर्ट लेने आया हूं। मेरी पहली चिंता आज सिर्फ जोशीमठ है। सुबह से कई कार्यक्रम लगे थे। लेकिन उन्हें लगा कि इस संकट की घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ रहना चाहिए।
भू-धंसाव से प्रभावित प्रत्येक परिवार को राहत देना सरकार का पहला लक्ष्य है। सभी भवनों को तोड़ना सरकार का लक्ष्य नहीं है। सरकार ने प्रभावितों के पुनर्वास व मुआवजे के लिए कमेटी बना दी है।
मुख्यमंत्री ने दूसरी बार ग्राउंड जीरो पर उतर कर प्रभावितों के बीच जाकर यह संदेश का प्रयास किया कि कठिन समय में सरकार साथ खड़ी है।
बता दें कि मुआवजे को लेकर प्रभावित परिवार सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रशासन की ओर से असुरक्षित भवनों को गिराने की कार्रवाई का लोग विरोध कर रहे हैं। प्रभावितों के गुस्से को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी खुद ने ही मोर्चा संभाला है।
Bureau Report
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