Uttarakhand: आशियाना बचाने के लिए जुटे लोग, सियासत हुई तेज, जानिए क्या है ये हल्द्वानी रेलवे की जमीन का विवाद

Uttarakhand: आशियाना बचाने के लिए जुटे लोग, सियासत हुई तेज, जानिए क्या है ये हल्द्वानी रेलवे की जमीन का विवाद

हल्द्वानी रेलवे भूमि प्रकरण को लेकर उत्तराखंड में सियासत तेज हो गई है। पूर्व सीएम हरीश रावत मामले को लेकर हल्दानी में उपवास पर बैठे हैं। रावत ने रेलवे भूमि के अतिक्रमण के मामले में कहा कि पुराने समय से रह रहे लोगों का पुनर्वास किया जाना जरूरी है। कहा कि सरकार योजनाबद्ध तरीके से इनका पुनर्वास कर सकती है। कहा कि हल्द्वानी में जो लोग 60 से 70 वर्षों से रह रहे हैं, उन घरों को तोड़ने का आदेश न्यायालय की ओर से हो गया है।

वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य सरकार ने न्यायालय में अपना प्रकरण सही तरह से नहीं रखा है। कहा कि रेलवे जिसको अपनी जमीन बता रहा है, उस जगह पर कई सरकारी स्कूल, फ्री होल्ड जमीन और सरकारी संपत्ति हैं। इसलिए राज्य सरकार को चाहिए कि वह उच्चतम न्यायालय में अपना पक्ष रखे। कहा कि सरकार के मन में खोट है और वह किसी भी तरह से पीड़ितों को बेदखल करना चाहती है। 

रेलवे भूमि की जद में आ रहे बनभूलपुरा के लोग अपने आशियाने बचाने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटे हुए हैं। लाइन नंबर 17 में चोरगलिया रोड के पास सैकड़ों लोग एकजुट हुए और सामूहिक दुआ की। मस्जिद बिलाली के पेश इमाम मौलाना मो. आसिम ने दुआ कराई। घर और मकानों बचाने के लिए बारगाहे इलाही में गुहार लगाई।

यह पूरा मामला
रेलवे भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर दिया है। इसमें रेलवे स्टेशन से 2.19 किमी दूर तक अतिक्रमण हटाया जाना है। खुद अतिक्रमण हटाने के लिए सात दिन की मोहलत दी गई थी। जारी नोटिस में कहा गया है कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन 82.900 किमी से 80.710 किमी के बीच रेलवे की भूमि पर सभी अनाधिकृत कब्जों को तोड़ा जाएगा। सात दिन के अंदर अतिक्रमणकारी खुद अपना कब्जा हटा लें, अन्यथा हाईकोर्ट के आदेशानुसार अतिक्रमण तोड़ दिया जाएगा। उसका खर्च भी अतिक्रमणकारियों से वसूला जाएगा। अतिक्रमण तोड़ने के दौरान अगर गिरफ्तार करने की नौबत आई तो इसके लिए ऊधमसिंह नगर में जेल बनाने की योजना बनाई जा रही है। गुरुतेग बहादुर स्कूल में दो कंपनी पीएसी पहुंची है।

अतिक्रमण क्षेत्र को चार सुपर जोन में बांटा

डीएम ने 29 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने नगर निगम को सफाई करने, जलसंस्थान को स्टेडियम में पानी चलाने और लोनिवि को जनरेटर, शौचालय, स्नानघर और किचन बनाने के निर्देश दिए थे। मिनी स्टेडियम हल्द्वानी में भी पानी, शौचालय, स्नानघर बनाने के निर्देश दिए थे। उधर लोनिवि ने स्नानघर, किचन, बनाने का काम शुरू कर दिया है। जलसंस्थान ने अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में पानी की व्यवस्था कर दी है। मिनी स्टेडियम में भी स्नानघर बनाए जा रहे हैं। 

जिला प्रशासन ने रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए अतिक्रमण क्षेत्र को चार सुपर जोन में बांटा है। सुपर जोन में एडीएम स्तर के अधिकारी और जोन, सेक्टर में एसडीएम स्तर के अधिकारी तैनात होंगे। इसके लिए 10 एडीएम और 30 एसडीएम मांगे गए हैं। अतिक्रमण तोड़ने की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, प्रशासन की तैयारियां भी तेज होती जा रही हैं। जिला प्रशासन ने अतिक्रमण वाले क्षेत्र को चार सुपर जोन, 14 जोन और 30 सेक्टर में बांटा है। सूत्रों के अनुसार सुपर जोन में एडीएम और एसपी रैंक के अधिकारी तैनात होंगे। जोन में एडीएम, एएसपी रैंक और सेक्टर में एसडीएम, तहसीलदार, सीओ रैंक के अधिकारी तैनात होंगे। डीएम धीराज गर्ब्याल ने बताया कि तैयारियां तेज कर दी गई हैं। पांच जनवरी को सुप्रीम कोर्ट का जैसा आदेश आएगा, उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद से मिले विधायक

रेलवे भूमि प्रकरण पर कांग्रेस पूरी तरह से फ्रंट फुट पर आ गई है। कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश मामले में कानूनी सलाह के लिए पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के पास पहुंचे हैं। यह प्रकरण राहुल गांधी के पास पहुंच गया। साथ ही सोमवार को मामले की जानकारी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को भी दी जाएगी। विधायक सुमित हृदयेश ने बताया कि उन्होंने और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हल्द्वानी में रेलवे भूमि के मामले को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी से दूरभाष पर बात की है और उनसे राजधर्म निभाने का आग्रह किया है। उल्लेखनीय है कि प्रभावित लोगों का आरोप है कि सरकार ने जानबूझ कर अपनी जमीन को रेलवे के सीमांकन में जाने दिया है। 

प्रभावितों का पुनर्वास करे सरकार : हरीश
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार से मांग करते हैं कि यह मानवीय समस्या है। इसे केवल कानूनी या राजनीतिक समस्या के तौर पर न देखा जाए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बस्तियों के लिए मलिन बस्ती नियमितीकरण कानून बनाया था। विधानसभा में इसे सर्वसम्मति से पारित भी किया गया था। इसके आगामी चरण में हमने 34,000 घर बनाने का लक्ष्य रखा और रुद्रपुर में इसका शिलान्यास भी किया। रावत ने कहा कि रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का काम भी शुरू किया गया। रिवर फ्रंट के तहत देहरादून में दो से तीन किमी का काम पूरा भी हुआ। हमारी कोशिश थी कि कुछ जगहों पर बहुमंजिला भवन बनाएं और कुछ खाली जगहों पर पार्क और अन्य सामाजिक सुविधाओं वाली योजनाएं बनाएं। पूर्व सीएम ने कहा कि सरकार बदलने के साथ ही यह मामला पूरी तरह से ठप हो गया। सरकार ने केवल एक उद्देश्य बना लिया कि इन लोगों को केवल हटाया जाए और प्रयोग के तौर पर हल्द्वानी को छांट लिया। 

एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष बोले, सीएम को पत्र लिखकर की थी पैरवी की मांग
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रदेश अध्यक्ष ने बनभूलपुरा पहुंचकर रेलवे भूमि पर अतिक्रमण मामले में लोगों से बातचीत करके उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने की बात कही। कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन उवैसी ने इस मामले में लोगों की परेशानी को संसद तक ले जाने का आश्वासन भी दिया है।
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नय्यर काजमी रविवार दोपहर बनभूलपुरा के लाइन नंबर 17 स्थित मुजाहिद चौक पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला आने के तुरंत बाद ही उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर कोर्ट में बनभूलपुरा के लोगों की पैरवी करने और सही ढंग से उनका पक्ष रखने की मांग की। साथ ही लोगों के विस्थापन की जिम्मेदारी सरकार की बताते हुए व्यवस्थाएं करने की भी मांग की। डॉ. काजमी ने कहा कि सरकार की एक तरफा कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पंजाब से आए श्रवण सिंह ने कहा कि आंदोलन में बहुत बड़ी ताकत होती है जो सरकार को भी झुका सकता है। वहीं पार्टी के कार्यकर्ता सरदार बलजीत सिंह ने लोगों को कानून व्यवस्था के अंदर रहकर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन जारी रखने की बात कही। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ता सुखदेव सिंह व अन्य लोग मौजूद रहे।

Bureau Report

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