तमिलनाडु के कृष्णागिरी में सत्ताधारी द्रमुक (DMK) के पदाधिकारी चिन्नास्वामी और उसके गुर्गों की पिटाई से भारतीय सेना के एक जवान की जान जाने के बाद सियासत तेज हो गई है। तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने डीएमके पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। के अन्नामलाई ने कहा कि एक पार्षद द्वारा सेना के एक जवान पर हमला किया गया था और पुलिस को इसे शांत करने में 6-7 दिन लग गए, और मीडिया के हंगामे के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। अब डीएमके बैकफुट पर है, बेतुकी बातें कहने की कोशिश कर रही है।
दोषियों को कठोर से कठोर सजा मिले: के अन्नामलाई
के अन्नामलाई ने कहा कि दोषियों को न केवल गिरफ्तार किया जाना चाहिए बल्कि कठोर से कठोर सजा दी जानी चाहिए। भाजपा के पूर्व सैनिक विंग के सदस्य तमिलनाडु में कलेक्टर कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ दिनों में मैं चेन्नई के युद्ध स्मारक पर पूर्व सैनिकों के साथ एक दिन का उपवास रखूंगा।
डीएमके एक निर्लज्ज और शातिर पार्टी: के अन्नामलाई
के अन्नामलाई ने कहा कि डीएमके ने अलग राज्य की बात की, इस तरह 1965-67 में पार्टी बनी। उनके लिए सेना का सम्मान कभी नहीं रहा। यह उनके ताने-बाने और संस्कृति में है कि वर्दी पहनने वाले को सम्मान नहीं मिलता। डीएमके एक निर्लज्ज और शातिर पार्टी है।
जानें क्या है पूरा मामला?
पुलिस के मुताबिक, चिन्नास्वामी और अन्य ने आठ फरवरी को लांस नायक एम प्रभु (29) पर घात लगाकर हमला किया और बेरहमी से पीटा। गंभीर रूप से घायल अवस्था में प्रभु को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बुधवार को दम तोड़ दिया। प्रभु और उनके भाई प्रभाकरन का पोचमपल्ली के वेलमपट्टी में चिन्नास्वामी के साथ पानी की टंकी पर कपड़े धोने को लेकर विवाद हुआ। चिन्नास्वामी पर प्रभु और उनके भाई पर हमले का आरोप है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है।
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, लेफ्टिनेंट कर्नल एन त्यागराजन ने ट्वीट कर घटना की निंदा की है। उन्होंने लिखा, पोचमपल्ली इलाके में द्रमुक के पार्षद चिन्नास्वामी ने सेना के जवान प्रभु की बुरी तरह पिटाई की, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को उचित कार्रवाई करनी चाहिए। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में, मैं इस कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने इस घटना पर ट्वीट किया, द्रमुक की अराजकता के कारण सैनिक अपने गृहनगर में ही सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
एआईएडीएमके ने सरकार पर साधा निशाना
इस घटना पर एआईएडीएमके के प्रवक्ता कोवई साथ्यन ने सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सेना के जवान की हत्या से पता चलता है कि जब भी डीएमके सत्ता में होती है तो कानून-व्यवस्था से गंभीर रूप से समझौता किया जाता है। अब तो हद ही हो गई है। इस दौरान उन्होंने सत्ताधारी डीएमके पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार में AIADMK और अन्य विरोधियों से बदले की भावना से बदला लेने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया जा रहा है।
Bureau Report
Leave a Reply