अतिक्रमण मुद्दे पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति को अतिक्रमणकारी बताकर उसे विस्थापित करना समस्या का हल नहीं है। कोर्ट ने कहा कि अतिक्रमण के मुद्दे पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है और सिर्फ बुलडोजर चलाना इसका हल नहीं है। मुंबई स्थित एकता वेलफेयर सोसायटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये बातें कही।
बता दें कि एकता वेलफेयर सोसाइटी को रेलवे द्वारा नोटिस जारी किया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि सोसायटी के निवासियों ने रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण किया है। कोर्ट ने पश्चिमी रेलवे, मुंबई मेट्रोपोलिटिन रीजन डेवलेपमेंट अथॉरिटी और बीएमसी से पूछा है कि क्या उनके पास कोई रिहैब्लीटेशन पॉलिसी है और अगर है तो उसके लिए क्या योग्यता चाहिए।
Bureau Report
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