लोकसभा में आम बजट 2023-24 पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। वित्त मंत्री ने बजट 2023-24 के सार के बारे में बोलते हुए कहा कि यह बजट राजकोषीय विवेक की सीमाओं के भीतर भारत के विकास अनिवार्यताओं की आवश्यकताओं को संतुलित करता है। वित्त मंत्री ने लोकसभा में कहा कि करप्शन पर बोलने का कांग्रेस को बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारें बिना सोचे समझे कदम उठातीं हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार को भी शपथ ग्रहण के बाद पेट्रोल-डीजल पर वैट लगाने के लिए निशाने पर लिया। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पिछले साल का बजट पढ़ने पर उन्होंने कहा कि ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है। ऐसी गलती कोई भी कर सकता है पर ऐसा होना नहीं चाहिए। मनरेगा पर उन्होंने कहा कि 2019 के बजट में 60 हजार करोड़ था। उसके बाद के बजट में इसमें लगातार बढ़ोतरी की गई।
उन्होंने कहा कि गरीबी पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस इस मामले में खुद शीशे के घर में हैं। जब कांग्रेस की सरकार थी उस समय मनरेगा के लिए जो राशि जारी की जाती थी वह भी खर्च नहीं हो पाती थी। विपक्ष के लोग आरोप लगाते हैं कि हम गरीबों की बात नहीं करते हैं। जब मैं आंकड़े देकर बात कर रही हूं तो वे हंस रहे हैं। क्या ये सही है?
Bureau Report
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