भागलपुर में अगुवानी घाट पुल के सुपर स्ट्रक्चर गिरने की घटना के बाद बिहार सरकार की देशभर में किरकिरी हो रही है। भ्रष्टाचार को लेकर नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार विपक्ष के निशाने पर है। इस बीच मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
यह लोकहित याचिका पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर द्वारा दायर की गई है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से यह पुल दोबारा ध्वस्त है। ये पुल 1700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा था।
उन्होंने कोर्ट को इस मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराये जाने की गुहार की है। साथ ही मांग की है कि पुल का निर्माण कर रही कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर जिम्मेदार और दोषी लोगों से इस क्षति की वसूली की जाये।
इधर, सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी सहित सहित महागठबंधन के बड़े नेता कह रहे हैं कि पुल का डिजाइन ही ठीक नहीं था जिसके कारण यह बार-बार गिर रहा था। बिहार सरकार में पर्यावरण मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने तो भाजपा को इसका कसूरवार ठहराया है।
तेज प्रताप बोले- हम बनाते हैं, भाजपा गिराती है
तेज प्रताप कहा कि यह ब्रिज भाजपा ने गिराया है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि हम पुल बना रहे हैं और भाजपा इसे गिरा रही है। इससे पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा था ये पुल पहली बार नहीं गिरा, अप्रैल 2022 में भी यह निर्माणाधीन पुल गिरा था। इसके डिजाइन में ही फॉल्ट था।
Bureau Report
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