वाराणसीः अधिमास के कारण खास हुए सावन की पूर्व संध्या पर ही इसका रंग काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के अंग चढ़ गया। सोमवार शाम श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में बाबा की भव्य झांकी सजाई गई।
शाम को सप्तर्षि आरती के बाद पालकी में शृंगारित रजत चल प्रतिमा मंदिर लाई गई। गर्भगृह में विराजमान करा कर आषाढ़ पूर्णिमा तिथि में विधि-विधान से पूजा-आरती की गई। हालांकि बाबा का यह रूप तो हर पूर्णिमा को सजता है लेकिन बाबा को प्रिय सावन की पूर्व संध्या, आषाढ़ पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा के मान में आदि गुरु शिव के नाम यह खास अनुष्ठान भक्तों के लिए दुर्लभ संयोग से कम रहा।
देवाधिदेव महादेव की दिव्य छवि के दर्शन कर श्रद्धालुओं का पोर-पोर विभोर तो उनकी प्रसन्नता का ओर-छोर न रहा। महादेव का उद्घोष से परिसर गुंजाया तो झांकी को नयनों में सहेज लिया।
सावन के 59 दिनों में होंगे 10 शृंगार
हर साल सावन में बाबा का हर सोमवार अलग-अलग रूप शृंगार किया जाता है। इस तरह श्रद्धालुओं को पूर्णिमा समेत पांच झांकियों का दर्शन मिलता है। इस बार अधिमास के कारण सावन 59 दिन का है तो आठ सोमवार पड़ रहे हैं। इसमें दो पूर्णिमा भी मिलेगी। इससे सावन में अभी 10 शृंगार होंगे। सावन चार जुलाई मंगलवार से लग रहा है और शिव भक्तों को बाबा के हर रूप शृंगार का इंतजार है।
दिनांक | पर्व | शृंगार |
10 जुलाई | पहला सोमवार | चल प्रतिमा शृंगार |
17 जुलाई | दूसरा सोमवार | गौरी शंकर शृंगार |
24 जुलाई | तीसरा सोमवार | अमृत वर्षा |
31 जुलाई | चौथा सोमवार | भागीरथी शृंगार |
01 अगस्त | मासिक | पूर्णिमा शृंगार |
07 अगस्त | पांचवां सोमवार | तपस्यारत पार्वती शृंगार |
14 अगस्त | छठां सोमवार | शंकर-पार्वती-गणेश शृंगार |
21 अगस्त | सातवां सोमवार | अर्धनारीश्वर शृंगार |
28 अगस्त | आठवां सोमवार | रुद्राक्ष शृंगार |
31 अगस्त | सावन पूर्णिमा | वार्षिक झूला शृंगार |
Bureau Report
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